लखनऊ डेस्क/ सस्ते राशन की सरकारी दुकानों के आवंटन में महिलाओं को सरकार वरीयता देगी। इसके लिए जल्द ही 25 फीसदी दुकानें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का नियम बनाया जाएगा। इसके पीछे सरकार की मंशा महिला सशक्तीकरण के साथ ही राशन वितरण की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाना है।
खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग ने बताया कि सरकार महिला समूहों को सस्ते राशन की दुकानों के आवंटन पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में महिला कोटेदारों की संख्या कम है। ज्यादातर पैसे वाले लोग ही कोटे की दुकानें चला रहें हैं। इनकी कार्यशैली को लेकर भी पब्लिक से शिकायतें मिल रही हैं। प्रस्तावित योजना के मुताबिक 25 फीसदी कोटे की दुकानें महिला या महिला समूहों का आवंटित की जाएंगी। जल्द ही इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इन महिला समूहों में विधवा महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा, ताकि वो भी आत्मनिर्भर हो सकें।
छत्तीसगढ़ में ऐसी ही महिला समूहों के द्वारा कोटे की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। इनके राशन वितरण से लेकर दुकानों के खुलने के समय से पब्लिक को काफी राहत मिली है। शिकायतों की संख्या बेहद कम है। छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ही यूपी में भी इस सिस्टम को बढ़ावा देने का मसौदा तैयार किया गया है। अतुल गर्ग का दावा है कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ने के साथ ही न केवल राशन वितरण में पारर्शिता आएगी साथ ही भ्रष्टाचार के मामले भी रुकेंगे। भारी रकम के चक्कर में कई लोग राशन की कालाबाजारी तक करते हैं। जल्द ही अभियान चलाकर कालाबाजारी करने वाले कोटेदारों के कोटे निरस्त होंगे। बदलाव के लिए जल्द ही कुछ और बड़े फैसले लिए जाएंगे।