लखनऊ डेस्क/ भाजपा ने उत्तर प्रदेश सरकार और संगठन के बीच तालमेल बिठाने के लिए नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है योगी के हर मंत्री के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक या अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व कार्यकर्ताओं को मंत्रियों के ओएसडी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा ।
पिछले दिनों लखनऊ दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पास संगठन की तरफ से तमाम ऐसी शिकायतें आईं, जिनमें मंत्रियों की मनमानी के आरोप लगे । साथ ही कहा गया कि सरकार के मंत्री कार्यकर्ताओं की समस्याएं नहीं सुन रहे हैं। कई ऐसी शिकायतें हैं, जिन्हें आसानी से सुलझाया जा सकता है लेकिन उसके लिए भी कार्यकर्ताओं को चप्पलें घिसनी पड़ रही हैं ।
योगी सरकार के मंत्रियों की तरफ से अमित शाह के सामने सफाई दी गई कि कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनने के लिए मंत्रियों की भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर ड्यूटी लगाई गई है । रोज एक मंत्री भाजपा दफ्तर में जनता के साथ ही कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनने आता है | यही नहीं इस दौरान संगठन के दो पदाधिकारी भी मौजूद रहते हैं । सूत्रों के अनुसार इस पर कार्यकर्ताओं की तरफ से जवाब दिया गया कि जनता की भारी भीड़ में वह अपनी बात नहीं रख पाते हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंत्रियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए हफ्ते की शुरुआत के दो दिन निर्धारित करें । ताजा रणनीति के हिसाब से अब सरकार के मंत्रियों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ या अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से एक व्यक्ति को निगरानी में लगाने की कवायद शुरू हो गई है । व्यवस्था के तहत हर मंत्री के पास एक ऐसा ओएसडी तैनात किया जाएगा । इसका काम मंत्रियों के कार्यों पर निगरानी के साथ ही संगठन के साथ बेहतर तालमेल और कार्यकर्ताओं से जुड़ी समस्याओं पर कार्य करना होगा ।