लखनऊ डेस्क/ 12 जुलाई को उत्तर प्रदेश विधानसभा भवन में विस्फोटक मिला था। यह विस्फोटक समाजवादी पार्टी के विधायक की सीट के नीचे मिला था । विस्फोटक मिलने से हडकंप मच गया। फोरेंसिक जांच में इसे PETN नामक विस्फोटक बताया गया। लेकिन आज दो महीने बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि विधानसभा में पाया गया सामान विस्फोटक नहीं था। लैब की रिपोर्ट गलत थी। गलत सूचना देने पर सरकार ने लैब अधिकारी डॉ. श्याम बिहारी उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के डीजीपी ने श्याम बिहारी के सस्पेंशन की सिफारिश की थी। जांच में पाया गया कि लैब में कथित विस्फोटक की जांच के लिए पुरानी किट से जांच की गई थी। इस जांच के बाद फोरेंसिक लैब के निदेशक श्याम बिहारी उपाध्याय ने पाउडर को PETN करार दिया था। उस पाउडर की बाद में हैदराबाद स्थित लैब में जांच कराई गई तो वहां से यह बात साबित हुई कि उक्त पाउडर PETN नहीं है । विधानसभा में विस्फोट मिलने की बात पर प्रदेश की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे थे। इस मुद्दे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के समक्ष भी उठाया था।