यूपी डेस्क/ यूपी की योगी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए लगातार दागी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई में जुटी है। अब तक सरकार 3 दर्जन बड़े अफसरों को जबरन रिटायर कर चुकी है। इसी क्रम में मंगलवार को यूपी के 35 आईएएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग होगी। जिसके बाद यह तय तय हो जाएगा कि कितने आईएएस अफसर रिटायर किए जाएंगे।
स्क्रीनिंग कमेटी की यह बैठक मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में होगी। इस बैठक में राजस्व परिषद के चेयरमैन प्रवीर कुमार, सुरेश चंद्रा प्रमुख सचिव सिंचाई और कमेटी में शामिल उत्तराखंड कैडर के सीनियर आईएएस अनूप बधावन भी शामिल होंगे। इस बैठक में 50 साल से अधिक उम्र के आईएएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग होगी। इसके अलावा 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके आईएएस अफसरों की भी स्क्रीनिंग होगी। सभी आईएएस अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड, कार्यशैली का आंकलन होगा।
स्क्रीनिंग में जिस बही अफसर का रिकॉर्ड ख़राब होगा उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसके पहले पीडब्लूडी में भी बड़े पैमाने पर कार्यवाही हुई है। वहीं पंचायती राज विभाग में भी 32 जिलापंचायत राज अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी है। यूपी सरकार की यह कवायद दर्शाती है कि अब सूबे में दागी और भ्रष्ट अफसरों की खैर नहीं है। उन्हें या तो जेल जाना होगा या फिर जबरन रिटायर कर घर वापस भेज दिया जाएगा।