यूपी डेस्क/ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उन्नाव में टॉर्च की रोशनी में आंख के आॅपरेशन मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का हवाल देते हुए कहा है कि साफ दिख रहा है कि इसमें डॉक्टरों की तरफ से लापरवाही बरती गई। साथ ही उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति भी उजागर हो रही है। अस्पतालों खासकर आॅपरेशन थिएटर में बिजली का बैकअप तक नहीं है।
आयोग ने इस संबंध में मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए 6 बिंदुओं पर दो हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
1) उन सभी 32 लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए जाएं, जिनका नवाबगंज सीएचसी में आॅपरेशन किया गया।
2) क्या आॅपरेशन के बाद ये लोग सामान्य तरह से देख पा रहे हैं? प्रत्येक व्यक्ति की जानकारी।
3) अस्पताल में खासकर आॅपरेशन थिएटर में बिजली का बैकअप क्यों नहीं था?
4) टॉर्च की लाइट में मोतियाबिंद का आॅपरेशन करने वाले डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
5) क्या इससे पहले भी डॉक्टरों ने टॉर्च की रोशनी में आॅपरेशन किया था?
6) अस्पताल में बिजली जाने की दशा में रोशनी के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?
आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब सर्जरी शुरू हुई तो अस्पताल में बिजली गुल हो गई। डॉक्टरों ने सर्जरी रोकने की बजाए टॉर्च की रोशनी में आंख का आॅपरेशन जारी रखा।