लखनऊ डेस्क/ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलेट वोटिंग की मांग को लेकर राजनीतिक दल जन आंदोलन बनाने की तैयारी में है। यूपी में इसकी पहल समाजवादी पार्टी (सपा) ने की है। 6 जनवरी को जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट में सुबह 11बजे से इस पर मंथन शुरू होगा। जिसमें हिस्सा लेने के लिए सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की ओर से कांग्रेस, बीएसपी, रालोद, लोकदल, सीपीआई, सीपीएम समेत सभी विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया है। बीएसपी को छोड़कर सभी दलों ने इस मंथन में हिस्सा लेने का संकेत दिया है।
साल 2009 में सबसे पहले बीजेपी ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था और कानूनी लड़ाई शुरू की थी, लेकिन मामला तूल नहीं पकड़ पाया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे पहले बीएसपी मुखिया मायावती ने ईवीएम में गड़बड़ी का सवाल उठाया था। साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद बीएसपी, सपा, कांग्रेस और रालोद ने ईवीएम में गड़बड़ी के खुलकर आरोप लगाए। कुछ दिन पहले गुजरात विधानसभा के परिणाम आने के बाद विपक्षी दलों ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ा और बैलेट से चुनाव कराने की आवाज बुलंद की।
अखिलेश यादव की सहमति के बाद सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की ओर से विपक्षी दलों के नेताओं को 6 जनवरी को जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में आमंत्रित किया गया है। सूत्रों का कहना है कि ईवीएम के स्थान पर बैलेट मतदान के लिए जन आंदोलन खड़ा करने पर चर्चा होगी। इसे लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता के प्रयास के रुप में भी देखा जा रहा है। इससे पहले बीजेपी सरकार के यूपीकोका विधेयक के विरोध में विधानसभा में समूता विपक्ष एकजुट नजर आया था।
ईवीएम पर रोक लगाते हुए बैलट पेपर से चुनाव कराने को लेकर आम सहमति के साथ अखिलेश यादव ने कई दौर में ममता बैनर्जी से मुलाकात की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कई बार ईवीएम पर सवाल उठाते हुए इसको लोकतंत्र की हत्या और जनता से धोखा बताया। रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे का कहना है, हमारे अध्यक्ष अजित सिंह का मानना है कि ईवीएम में गड़बड़ी होती है। एेसे में इस मुद्दे पर एकजुट आंदोलन के लिए हम बैठक में हिस्सा लेंगे।