यूपी डेस्क/ राज्य सरकार अलग-अलग विभागों के अनुपयोगी पदों को खत्म करने पर विचार कर रही है। अलग-अलग विभागों के अनुपयोगी और अप्रासंगिक पदों को खत्म करने का प्रस्ताव मुख्य सचिव ने अलग-अलग विभागों के विभागाध्यक्षों से मांगा है।पदों को खत्म करने के लिए मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया है। मुख्य सचिव की तरफ से जारी किए गए आदेश में विभागों को अनुपयोगी और अप्रासंगिक पदों को शीर्ष प्राथमिकता पर चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल राज्य सरकार में कई ऐसे विभाग हैं। जिनमें पुराने समय के अनुसार पदों का सृजन किया गया है। मगर अब इन पदों की कोई जरूरत नहीं है। इसमें गृह विभाग, वाणिज्य कर विभाग, वित्त विभाग, सचिवलाय प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, ग्राम्य विकास विभाग समेत कई ऐसी निगम हैं। यहां पर पुरानी व्यवस्था के मुताबिक पदों का तो सृजन किया गया है, मगर अब इन पदों की कोई जरूरत नहीं हैं।
कई ऐसे पद भी हैं जिनपर लंबे समय से तैनाती भी नहीं की गई है। इसलिए सरकार चाहती है कि ऐसे पदों को खत्म किया जाए। शासन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रदेश में टैक्स की नई व्यवस्था जीएसटी लागू होने के बाद पहले से चले आ रहे कई पद समाप्त होंगे। अभी कौन से पद समाप्त होंगे। इसी तरह जीएसटी लागू होने के बाद मनोरंजन कर विभाग में भी कई पदों को खत्म किया जाना है।
राज्य सरकार पहले ही एक ही तरह के काम कर रहे कई विभागों को खत्म करने पर विचार कर रही है। इसमें कुल 39 विभाग चिह्नित किए गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण एवं मातृ एवं शिशु कल्याण को एक करने पर पहले ही सहमति बन चुकी है। कई और भी ऐसे विभाग हैं, जिन्हें मर्ज करने का सुझाव नीति आयोग ने प्रदेश सरकार को दिया है। प्रदेश सरकार भी नीति आयोग के सुझावों के अनुसार विभागों को मर्ज करने की कार्रवाई कर रही है।