यूपी डेस्क/ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में गुरुवार को पहले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों के क्षेत्रीय विकास समन्वय सम्मेलन का आगाज किया। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी समेत देश के 9 राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री इस समन्वय बैठक में शामिल हो रहे हैं। विधानभवन के तिलक हॉल में सुबह 10.30 सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसका आगाज किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “जब हम अल्पसंख्यक कल्याण की बात करते है तो हमारे सामने बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय पर बेहद अहम जिम्मेदारी है। अगर हमारे शरीर का कोई अंग काम करना बंद करता है तो हमें दिव्यांग कहा जाता है। अगर समाज में किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव होता है तो वो अपने आपको उपेक्षित महसूस करता है।
सीएम योगी ने कहा, “मुख्तार अब्बास नकवी के मंत्री बनने के बाद और यूपी में उनके आगमन के बाद यहां अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आई है। उनके सरकार के ९ महीने के कार्यकाल में ही 100 से अधिक कार्ययोजनाओं की शुरुआत अल्पसंख्यकों के लिए की गई है।” सीएम योगी ने कहा, “राशन कार्डों का सत्यापन कराया गया और 37 लाख राशन कार्ड दिया है। बिना भेदभाव के सभी वर्ग के लिए काम किया गया। अल्पसंख्यक वर्ग के लिए प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट चलाया जा रहा है। मदरसों को बंद करना कोई हल नहीं। मदरसों का आधुनिकीकरण होना चाहिए। संस्कृत विद्यालयों को भी यही करना चाहिए। मदरसों को कम्प्यूटर से जोड़ना होगा।”
योगी ने कहा, “हमें ध्यान रखना है कि कोई व्यक्ति अराजकता का शिकार न हो। वह अपने समाज के साथ मिलकर इस राष्ट्र को सशक्त बनाने और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना में अपना योगदान दे सके।” यह सम्मेलन इसलिए भी अहम है क्योंकि इसमें केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सीधे तौर पर केंद्र की योजनाओं की जमीनी हकीकत से रूबरू होंगे। साथ ही सम्मेलन में अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं में सुधार के लिए सुझाव भी मांगे जाएंगे। यही नहीं अपने-अपने राज्यों में चल रहे अल्पसंख्यक योजनाओं को लागू करने पर भी बात हो रही है। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तराखंड, बिहार, चंडीगढ़, और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।