वाराणसी डेस्क/ यूपी के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। एसबीएसपी के स्थापना दिवस पर वाराणसी में पूर्वांचल के नेता और कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिन लोगों को यह लग रहा है कि इस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार कम हुआ तो यह उनका भ्रम है। इस सरकार के कार्याकाल में भ्रष्टाचार कम होने की बजाय बढ़ ही रहा है। अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा, ‘योगी सरकार में शामिल होने का मेरा लक्ष्य दलित समाज को उसका हक दिलाना है। दलितों ने बड़े पैमाने पर वोट देकर बीजेपी की सरकार बनवाई है।’ उन्होंने आगे कहा कि उनका मकसद सरकार गिराना नहीं है बल्कि उन्हें आगाह करना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओमप्रकाश ने कहा कि अगर योगी और केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार अगर दलितों को उनका हक दिलाने में कामयाब नहीं होती है तो वह उनसे दूर होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा जिस दिन से योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए हैं सरकारी विभागों में बड़े स्तर पर भर्तियों की बात कर रही है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई खास काम नहीं किया है। राज्य सरकार को भर्ती शुरू करने से पहले आरक्षण नीति तय करनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर यह सरकार भर्ती बंद करे। उन्होंने साफ कहा कि सरकार पहले आरक्षण निर्धारित करे, नहीं तो हमारी पार्टी की तरफ से भर्ती का विरोध होगा।
गौरतलब है कि ओमप्रकाश राजभर उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग दिव्यांग कल्याण मंत्री और भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। ओमप्रकाश कई सारे बयानों को लेकर विवादों में रहते हैं। इससे पहले बलरामपुर के रेहराबाजार क्षेत्र के त्रिमुहानी में सुहेलदेव भारतीय समाज के अति दलित व अति पिछड़ा वर्ग भागीदारी सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उस समय एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसी बात कही जो बेहद आपत्तिजनक थी। उन्होंने वोटरों को लेकर बहुत ही खराब टिप्पणी की थी। राजभर ने अपने भाषण में कहा था, “बाटी-चोखा कच्चा वोट, दारू मुर्गा पक्का वोट। सारे गरीब दारू पीते हो, मुर्गा खाके वोट देते हो और ये दिल्ली, लखनऊ जाने वाले नेता 5 साल तुझे मुर्गा बनाके घुमाते हैं।”