वाशिंगटन डेस्क/ अमेरिकी वायुसेना के बी-52 स्ट्रेटोफोट्रेस बमवर्षक विमानों ने एक प्रशिक्षण मिशन के तहत इस सप्ताह दक्षिण चीन सागर के ऊपर से उड़ान भरी, हालांकि चीनी सेना ने इसे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया। क्षेत्र में एयर ऑपरेशंस पर नजर रखने वाले यूएस पैसिफिक एयर फोर्सेस की ओर से जारी बयान के अनुसार, बमवर्षक विमान ने मंगलवार को गुआम द्वीप स्थित एंडरसन एयरफोर्स बेस से उड़ान भरी। यह प्रशिक्षण क्षेत्र में यूएस एयरफोर्स के रूटीन ‘कॉन्टीन्यूअस बॉम्बर प्रजेंस’ का हिस्सा था।
अमेरिकी सेना के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अमेरिका के दो बमवर्षक विमानों ने स्प्रैटली द्वीप समूह पर उड़ान भरी। इस द्वीप समूह पर चीन अपना दावा करता है। चीन ने स्प्रैटली की भोगौलिक विशेषताओं का इस्तेमाल कृत्रिम द्वीप समूह बनाने में किया है। इनमें से कुछ को बीजिंग ने सैन्य सुविधाओं से लैस किया है। अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी बमवर्षक विमानों ने निर्बाध तरीके से अपना मिशन पूरा किया। इस दौरान चीनी सेना ने उन्हें निशाना नहीं बनाया।
इन द्वीपों के मकसद के सवाल पर अमेरिकी सेना के प्रशांत कमान के प्रमुख पद के लिए ट्रंप प्रशासन की ओर से नामित एडमिरल फिलिप डेविडसन ने कांग्रेस को इस महीने बताया कि चीन इन द्वीपों का इस्तेमाल दक्षिण चीन सागर पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘चीन काफी समय से दक्षिण चीन सागर पर अपनी दावेदारी पेश कर रहा है। मेरा मानना है कि वह वहां अपना सैन्य ठिकाना स्थापित करना चाहता है, ताकि उसे दुनिया के उस क्षेत्र के माध्यम से वायु और समुद्री मार्गों पर नियंत्रण स्थापित करने में मदद मिले।’