लखनऊ डेस्क/ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि यूपी पीसीएस 2017 के लिए अभ्यर्थियों को पूरे एक महीने की भी तैयारी का समय नहीं दिया जाना उनके साथ अन्याय है। प्रदेश सरकार को इसकी तारीख बढ़ानी चाहिए। ये युवाओं के भविष्य का सवाल है। उन्होंने कहा कि मुख्य परीक्षा की तारीख बढ़वाने के लिए अभ्यर्थी दिल्ली-लखनऊ का दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन लगता है सरकारें इतवार मना रही हैं। जिस परीक्षा से भविष्य के अधिकारी चुने जाने हैं उसके प्रति ऐसी संवेदनहीनता दर्शाती है कि युवाओं के खिलाफ भी सत्ता अहंकार दिखा रही है। अखिलेश ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है।
अखिलेश ने अपने बयान में कहा कि प्रतियोगी छात्रों ने परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाए जाने को लेकर एक लाख अस्सी हजार ट्वीट जो बाद में चार लाख ट्वीट हो गए थे। उसके बाद मुख्यमंत्री ने पीसीएस की तैयारी करने वाले प्रतियोगी छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, जिसमें परीक्षा तिथि जुलाई में कराए जाने पर सहमति बनी। इस संदर्भ में लोक सेवा आयोग के सचिव ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में परीक्षा कराए जाने की घोषणा कर दी थी। बावजूद इसके, जून में पीसीएस-2017 की मुख्य परीक्षा कराए जाने की तिथि जारी कर दी गई।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों से वादाखिलाफी की है। 8 जून को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के बाद 15 दिन के भीतर मुख्य परीक्षा कराए जाने का निर्णय छात्र विरोधी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भविष्य में सभी परीक्षाएं नए पैटर्न से कराने जा रहा है। ऐसे में लंबे समय से तैयारी कर रहे छात्रों के लिए ये अंतिम अवसर है।
अखिलेश ने कहा कि बेहद कम समय में परीक्षा आयोजित कराये जाने से छात्रों में भारी असंतोष है। जून माह में ही मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश की राज्यस्तरीय सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तिथि पहले से ही निश्चित है। ऐसे में जून में ही मुख्य परीक्षा होने से पीसीएस अभ्यर्थियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रहित का ध्यान रखते हुए समाजवादी पार्टी राज्यपाल से तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप किए जाने की मांग करती है, ताकि प्रतियोगी छात्रों की मदद हो सके। साथ ही प्रदेश सरकार से भी मांग करती है कि उप्र लोक सेवा आयोग को निर्देशित करें कि पीसीएस-2017 की परीक्षा तिथि आगे बढ़ाई जाए, जिससे प्रतियोगी छात्रों को राहत मिल सके।