तेहरान डेस्क/ ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि इस्लामिक गणराज्य के तेल और वित्तीय क्षेत्र को निशाना बनाकर सोमवार से प्रभावी हुए अमेरिकी प्रतिबंधों की वह गर्व के साथ उपेक्षा करेगा। टेलीविजन पर भाषण में रूहानी ने कहा, ‘‘ मैं घोषणा करता हूं कि हम आपके गैरकानूनी, अनुचित प्रतिबंधों की गर्व के साथ उपेक्षा करेंगे क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ जाकर लगाए गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक युद्ध के हालात हैं, हम दमनकारी शक्ति का मुकाबला कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि अमेरिका के इतिहास में व्हाइट हाउस में कभी कोई ऐसा शख्स आया हो जो कानून और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के इतने खिलाफ है।’’
वाशिंगटन ने इन्हें अब तक का सबसे कड़ा प्रतिबंध बताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई में तेहरान के साथ बहुराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अलग होने का विवादित फैसला लिया था। ये प्रतिबंध उसी का परिणाम हैं।
इन प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान के तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाना है। वैसे भी मई के बाद से इसमें प्रतिदिन दस लाख बैरल की कमी आई है। अमेरिका ने भारत, जापान और तुर्की समेत आठ देशों को इससे छूट दी है ताकि उनकी अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय बाजार न गडबड़ाए। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ईरान की तेल बिक्री को पूरी तरह बंद करने का संकल्प लिया है।
एक टॉक शो के दौरान पोम्पिओ ने कहा, ‘‘देखिए हम क्या करते हैं। पहले के मुकाबले इस बार कहीं अधिक मात्रा में कच्चे तेल को हमने बाजार से हटा दिया है। उन प्रयासों को देखिए जो राष्ट्रपति ट्रंप की नीति से हासिल हुए हैं। हमने यह सब किया और साथ ही यह भी ध्यान रखा कि अमेरिकी उपभोक्ता इससे प्रभावित नहीं हों।’’