लखनऊ डेस्क/ एनडीए के घटक दल अपना दल यानी कि एडीएस के इससे नाता तोड़ने और उत्तर प्रदेश बीजेपी से नाराजगी की खबरों के बीच एडीएस ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात पर संतोष जाहिर करते हुए इसे सकारात्मक बताया है। एडीएस के अध्यक्ष आशीष पटेल ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने बुधवार को दिल्ली में शाह के साथ हुई बैठक में अपने तमाम मुद्दे उनके सामने रखे। कुल मिलाकर यह बातचीत सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बीजेपी की तरफ से उन्हें जो समस्याएं पेश आ रही थीं उन्हें लेकर यह बातचीत हुई थी।
इस सवाल पर कि क्या सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को लेकर एडीएस के मत के बारे में भी बीजेपी अध्यक्ष से बात हुई, पटेल ने कुछ भी बताने से इनकार किया। मालूम हो कि केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाले अपना दल-सोनेलाल ने उत्तर प्रदेश बीजेपी पर गठबंधन धर्म नहीं निभाने के आरोप लगाए थे।
पार्टी अध्यक्ष आशीष पटेल ने आरोप लगाया कि प्रदेश बीजेपी का एक वर्ग नहीं चाहता कि एडीएस जैसे ईमानदार सहयोगी भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ रहें। यह वर्ग तरह-तरह की जुगत लगाकर हमें परेशान करता रहता है। अगर उसका रवैया नहीं बदला तो उनकी पार्टी के लिए सभी विकल्प खुले हैं। राजग के साथ बने रहने या नहीं रहने को लेकर ‘निर्णय’ लेने के लिए आज ही पार्टी की लखनऊ में सभी राष्ट्रीय तथा प्रांतीय पदाधिकारियों की बैठक होनी थी, जो भारत-पाक के बीच तनातनी के बाद बने हालात के मद्देनजर स्थगित कर दी गई।
एडीएस ने बीजेपी नीत सरकार से मांग की है कि सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों के तहत पिछड़ों के आरक्षण के वर्गीकरण को तभी लागू किया जाए, जब जातियों की जनगणना के आंकड़े सामने रख दिए जाएं। इसके अलावा दल की यह भी मांग है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में 50 प्रतिशत थानों में दलित तथा पिछड़े वर्ग के थानाध्यक्षों की नियुक्ति की जाए। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक में से किसी एक पद पर भी इन वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया जाए। साथ ही विभिन्न निगमों के पदों पर नियुक्ति में अपना दल के प्रतिनिधियों को जगह दी जाए। इसके अलावा आउटसोर्सिंग और अनुबंध के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों में भी पिछड़ों तथा दलितों को आरक्षण की व्यवस्था की जाए।