मुंबई डेस्क/ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने गीतांजलि जेम्स और नीरव मोदी की कंपनियों के खिलाफ मौजूदा समय में जारी जांच पर प्रगति रिपोर्ट देने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से और समय मांगा है।
ये कंपनियां 14,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में शामिल हैं और फिलहाल केंद्रीय विधि प्रवर्तन एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं। मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटाले की जांच पर प्रगति रिपोर्ट देने के लिए और समय मांगा है।
एनसीएलटी की वी पी सिंह और रविकुमार दुरईसामी की दो सदस्यीय पीठ ने इसके लिए और समय देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल तय की है। गीतांजलि जेम्स के मेहुल चोकसी और उसका भांजा हीरा कारोबारी नीरव मोदी फरार हैं और अब उनके भारत प्रत्यर्पण का प्रयास चल रहा है।
इससे पहले मंत्रालय ने मोदी, उसकी पत्नी एमी, भाई निशाल और मामा चोकसी की दुनियाभर में संपत्तियों को कुर्क करने के लिए न्यायाधिकरण से हस्तक्षेप को कहा था। मोदी और चोकसी तथा उनके परिवार के लोगों के पास करीब 114 कंपनियों का स्वामित्व या नियंत्रण है।
मंत्रालय के संयुक्त विधि निदेशक संजय शोरे ने इससे पहले अपनी दलील रखते हुए कहा कि इस मामले में जितना दिख रहा है उससे अधिक लोगों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि एसएफआईओ इस मामले की जांच करेगा और इसके लिए वह इन चारों लोगों तथा उनकी कंपनियों की संपत्तियां कुर्क करना चाहता है।