नई दिल्ली डेस्क/ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के आईएल एंड एफएस ऋण भुगतान चूक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को मुंबई में तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि आईएल एंड एफएस के कम-से-कम चार निदेशकों के कार्यालय और घरों पर तलाशी कार्य जारी हैं।
इससे पहले , जांच एजेंसी ने इस मामले में फरवरी में तलाशी की कार्रवाई की थी। एजेंसी ने इस प्रकरण में मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज होने के बाद यह कदम उठाया था। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि यह तलाशी अभी तक प्राप्त सबूतों के अतिरिक्त अन्य साक्ष्य और दस्तावेज जुटाने के लिए की गई है।
बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए ऋण देने वाली कंपनी का कर्ज संकट उस समय सामने आया जब उसके समूह की कंपनियों ने सितंबर 2018 से ऋण भुगतान में चूक करना शुरू किया। आईएल एंड एफएस पर कुल 91,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है। आईएलएंडएफएस और उसकी अनुषंगी कंपनियों ने सिडबी को कर्ज का भुगतान करने में चूक की है।
ईडी का मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराधा शाखा (ईओडब्ल्यू) के पास पिछले साल दिसंबर में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। इनसो इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक आशीष बेगवानी ने आईएल एंड एफएस रेल लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए उनकी कंपनी को 70 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कराया था।
बेगवानी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि आईएल एंड एफ ट्रांसपोर्टेशन नेटवकर्स लिमिडेट के दो अधिकारियों के कहने पर उन्होंने आईएल एंड एफएस रेल लिमिटेड में 170 करोड़ रुपये लगाया था। यह कंपनी गुरुग्राम मेट्रो परियोजना के लिए विशेष उद्देश्य इकाई है। ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बेगवानी की शिकायत का हवाला देते हुए कहा था कि बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि आईएल एंड एफएस रेल मुनाफा नहीं कमा रही और उसकी पूंजी का दुरुपयोग किया जा रहा है।