नई दिल्ली डेस्क/ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का पूरे राजकीय सम्मान के साथ रविवार को निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। सैकडों की संख्या में उनके समर्थक और चाहने वाले कांग्रेस का झंडा और हाथों में तख्तियां लिए तेज हवा और मूलसाधार बारिश की परवाह किए बगैर अपने प्रिय नेता की अंतिम झलक पाने के लिए सड़कों पर डटे रहे।
संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के शीर्ष नेता, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ,दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,मंत्री सत्येंद्र जैन दीक्षित के अंतिम संस्कार में मौजूद थे। दीक्षित के अंतिम दर्शनों के लिए बडी संख्या में उनके प्रशंसक व समर्थक निजामुद्दीन पूर्व स्थित आवास पर पहुंचे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दीक्षित को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए सुबह उनके आवास पर गए थे। तिरंगे में लिपटा उनका शीशे का ताबूत जब सफेद फूलों से सजी वैन में रखा गया तो लोगों में उनकी अंतिम तस्वीर लेने की होड़ लग गई।
पार्थिव देह को पहले कांग्रेस मुख्यालय लाया गया जहां संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कमलनाथ,अहमद पटेल,गुलाम नबी आजाद और राज बब्बर सहित अनेक लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद पार्थिव देह को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय ले जाया गया। वह निधन से पहले तक प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष रहीं।
सैकड़ों की संख्या में शोकसंतप्त लोग उनके वाहन के साथ शवदाह गृह तक गए और बारिश की परवाह किए बगैर सीएनजी शवदाह गृह की चिमनी से धुंआ निकलने तक वहीं रहे। इस शवदाहगृह का उद्घाटन 2012 में दीक्षित ने ही किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दीक्षित के आवास पर जा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी । दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी भी उनके साथ थे। गौरतलब है कि तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं और राजधानी को आधुनिक रूप देने वाली वरिष्ठ कांग्रेस नेता का दिल का दौरा पड़ने से यहां एक निजी अस्पताल में शनिवार दोपहर निधन हो गया था।