TIL Desk सहारनपुर: विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने मदरसे, लाइब्रेरी और रशीदिया मस्जिद के आसपास महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
उनका कहना है कि यहां पर आकर महिलाएं सेल्फी और रील बनती थी। इसके चलते मदरसे की बदनामी हो रही थी। मदरसा एक शिक्षण संस्थान है और किसी भी शिक्षण संस्थान के आसपास अनुशासन का होना जरूरी है।
इस मामले को लेकर मुस्लिम महिलाओं और प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गोरा से बातचीत के अंश।