वाशिंगटन डेस्क/ अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के उत्तरी सीरिया में सैन्य हमले को रोकने का तुर्की पर दबाव बनाने के लिए अंकारा रवाना होने की तैयारियों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका ने तुर्की के खिलाफ ‘‘बहुत सख्त’’ रुख अपनाया है और उस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से मंगलवार को कहा कि उनका प्रशासन अमेरिकी जवानों को वापस घर लाना चाहता है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन समेत प्रतिनिधिमंडल 17 अक्टूबर को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से मुलाकात करने जाएगा।
इस बीच एर्दोआन ने उत्तरी सीरिया में संघर्षविराम के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि वह अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर चिंतित नहीं है। दैनिक समाचार पत्र ‘हुर्रियत’ ने एर्दोआन से हवाले से कहा, ‘‘वे चाहते हैं कि हम संघर्ष विराम घोषित करें। हम संघर्षविराम की घोषणा नहीं कर सकते।’’
सीरिया से अपने बलों को वापस बुलाने के अमेरिका के फैसले के बाद पिछले सप्ताह से शुरू हुए तुर्की हमलों का मकसद कुर्द नीत ‘सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस’ एसडीएफ को सीमा क्षेत्रों से खदेड़ना है। तुर्की सरकार इलाके में ‘‘सुरक्षित क्षेत्र’’ बनाना चाहती है, जहां वह 20 लाख सीरियाई शरणार्थियों को पुन: बसा सके जो इस समय तुर्की में हैं। ट्रम्प ने कहा, ‘‘माइक (पेंस) एक बड़ी यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।