नई दिल्ली डेस्क/ भारत सरकार ने ट्विटर से सख़्त लहज़े में कहा है कि भारत में उसे भारतीय क़ानूनों का पालन करना ही होगा। सरकार ने ट्विटर के कुछ अकाउंट को प्रतिबंधित करने के आदेश के पालन में देरी पर भी नाराज़गी ज़ाहिर की है। ट्विटर और भारत सरकार के बीच बढ़ते विवाद के माहौल में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्राद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और ट्विटर की ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी वाइस प्रेसिडेंट मोनीके मेशे के बीच वर्चुअल वार्ता हुई है। भारत सरकार ने इसकी पुष्टि की है।
इस वार्ता में सरकार ने ट्विटर से दोहरे मापदंड न अपनाने और सरकारी आदेशों का उल्लंघन न करने और लोकतांत्रिक संस्थानों का सम्मान करने के लिए कहा है। दरअसल भारत सरकार ने ट्विटर से कुछ विवादित अकाउंट और खालिस्तान समर्थक अकाउंट को डिलीट करने के लिए कहा था। इसे लेकर ट्विटर और सरकार के बीच विवाद है। इसी बीच ट्वटिर ने बुधवार को सरकार के आदेश पर कुछ ट्विटर अकाउंट को प्रतिबंधित कर दिया है।
भारत सरकार की तरफ़ से जारी बयान में बताया गया है कि मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने ट्विटर के प्रतिनिधियों से कहा है कि भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आलोचना का सम्मान करता है क्योंकि ये हमारे लोकतंत्र का हिस्सा है। भारत ने ट्विटर के प्रतिनिधियों से कहा है कि ट्विटर का भारत में व्यापार करने के लिए स्वागत है लेकिन ट्विटर को भारत के क़ानूनों और लोकतांत्रिक संस्थानों का भी सम्मान करना होगा।
सरकार की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि, ‘ट्विटर अपने नियम और दिशानिर्देश बना सकता है लेकिन भारत की संसद में पारित क़ानूनों का पालन करना ही होगा, भले ही ट्विटर के अपने नियम और दिशानिर्देश कुछ भी हों।’ सरकार की तरफ़ से हैशटैग ‘फार्मर जेनोसाइड’ (किसानों का नरसंहार) को लेकर नाराज़गी भी ज़ाहिर की गई। भारत सरकार ने ट्विटर को इस हैशटैग का इस्तेमाल करके ट्वीट करने वाले 250 से अधिक अकाउंट को प्रतिबंधित करने के लिए कहा है।