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गणतंत्र दिवस हिंसा सुनियोजित थी, विदेशी फंडिंग भी पाई जा सकती है : पुलिस

गणतंत्र दिवस हिंसा सुनियोजित थी, विदेशी फंडिंग भी पाई जा सकती है : पुलिस

नई दिल्ली डेस्क/ दिल्ली की एक अदालत ने गणतंत्र दिवस पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए इकबाल सिंह को बुधवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान पुलिस ने हिरासत की मांग करते हुए दलील दी कि सिंह कथित रूप से हिंसा के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है और यह पता लगाने की आवश्यकता है कि उसके पास पैसे कहां से आ रहे थे, जो कि विदेशी फंडिंग भी हो सकती है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बुधवार को इकबाल सिंह को पंजाब के होशियारपुर से गिरफ्तार किया। वह कथित रूप से उस ट्रैक्टर रैली का हिस्सा था, जिसने निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में हंगामा खड़ा कर दिया। सिंह के वीडियो भी वायरल हुए हैं, जिसमें वह कथित तौर पर पुलिस को धमकी देने के अलावा प्रदर्शनकारियों को हिंसात्मक गतिविधियों के लिए उकसाता हुआ देखा गया है।

इकबाल सिंह को तीस हजारी अदालत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पूर्वा मेहरा के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अदालत में दावा किया कि यह हिंसा अचानक हुई घटना नहीं है, बल्कि पूर्वनियोजित थी।

पुलिस ने इस बात पर जोर दिया कि यह घटना एक बड़ी साजिश थी और मंगलवार को इस मामले में गिरफ्तार किए गए दीप सिद्धू के साथ उसके संबंध का खुलासा होना चाहिए। पुलिस ने कहा, “हमारे पास खुफिया जानकारी है कि इसमें विदेशी फंडिंग भी हो सकती है। उस एंगल की जांच करने की आवश्यकता है। हमें यह स्थापित करने की आवश्यकता है कि धन कहां से आ रहा है।”

पुलिस ने अदालत के समक्ष कहा, “हमें इन सब के साथ उसकी संलिप्तता का पता लगाने की जरूरत है। हमें यह पता लगाने की जरूरत है कि कौन लोग हैं, जो उसके साथ आए थे और वे किससे जुड़े हैं। वह हिंसा को भड़काने वाले मुख्य लोगों में से एक था। यह एक सुनियोजित घटना थी, जिसके संबंध में हमारे पास पहले से ही एक अन्य आरोपी भी हिरासत में है।”

कार्यवाही के दौरान, इकबाल सिंह ने अदालत को बताया कि वह हिंसा के लिए मौके पर नहीं गया था। सिंह ने कहा, “मैं उस तरह से लाल किले पर पहुंचा था कि मैंने तो सोचा भी नहीं था कि मैं वहां पहुंच जाऊंगा। लेकिन जब मैं पहुंचा तो चारों ओर भावनाएं भड़क उठीं। मैंने जो भी किया या कहा, वह हीट ऑफ द मोमेंट (क्षण भर का गुस्सा) में हुआ।”

26 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी किसान पुलिस से भिड़ गए थे। झड़प के दौरान, प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने लाल किले में प्रवेश किया और एक धार्मिक झंडा फहराया। अब तक पुलिस ने लगभग 130 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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