पटना डेस्क/ बिहार विधानसभा में मंगलवार को हुई घटना पर बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि सदन में ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। अध्यक्ष को बंधक बना लिया गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा का क्षेत्र अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है। विधानमंडल के बजट सत्र की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021 समेत कई अन्य विधेयक विधानसभा और विधान परिषद से पारित हो गया है। सभी विधेयकों को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
सदन में विपक्ष के हंगामे को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष का जो भी रवैया रहा, वह सबको मालूम है। उन्होंने कहा, “जिस तरह से विपक्षी सदस्यों ने व्यवहार किया है, वह अच्छी बात नहीं थी। कल विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा में कार्यवाही नहीं होने को लेकर काफी व्यवधान उत्पन्न किया।”
उन्होंने कहा कि विधेयक में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके बारे में दुष्प्रचार किया गया। विपक्षी सदस्यों को सदन की चर्चा में भाग लेना चाहिए था। विधेयक पर चर्चा करनी चाहिए थी। कल सदन में ऐसी घटना घटी है जो पहले कभी नहीं घटी थी। अब अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है कि वे कल की घटना को लेकर क्या करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजग के सभी विधायक विधानसभा में शांति से बैठे हुए थे। अध्यक्ष के चैंबर का भी घेराव किया गया। सदन में अध्यक्ष के आसन के आसपास जिस प्रकार का आचरण किया गया, उसे सभी ने देखा। इस तरह का व्यवहार सदन में कभी नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज कहा जा रहा है कि सदन में पुलिस क्यों आई थी? ये अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है कि वो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाते हैं। अध्यक्ष को बंधक बनाया गया, आसन का भी अपमान किया गया।”
उन्होंने कहा कि इस बिल में ऐसा कुछ भी नहीं है जो किसी का अहित करे। ये लोगों के हित में है। अन्य राज्यों में भी इस तरह के कानून हैं।
विपक्षी दलों द्वारा दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “कौन सी कार्रवाई, कौन सा दोषी अधिकारी? पहले वे बताएं कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर का घेराव क्यों किया और अध्यक्ष के आसन का अनादर क्यों किया? विधानसभा के अंदर क्या किया?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने जिस प्रकार का दृश्य यहां पैदा किया, उसे नियंत्रित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को जो उचित लगा उन्होंने कार्रवाई की। स्थिति को संभालने के लिए उन्हें जिसकी जरूरत पड़ी उनको बुलाया गया। इसके अलावा काई चारा नहीं था।