Business

अमेरिका में बड़े निवेश की तैयारी में अडानी, ट्रंप ने दी बड़ी राहत!

नई दिल्ली

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे और आखिरी कार्यकाल में ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। इससे दुनिया में काफी उथलपुथल देखी जा रही है। लेकिन भारत के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अडानी को उन्होंने काफी राहत दी है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अडानी ग्रुप अमेरिका में बड़ा निवेश करने की अपनी योजनाओं को फिर से शुरू कर रहा है। अडानी पर लगे आरोपों के बीच इसे काफी अहम माना जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप अमेरिका में कई सेक्टरों में फंडिंग में फिर से दिलचस्पी दिखा रहा है। इनमें न्यूक्लियर एनर्जी, यूटिलिटीज और पूर्वी तट पर एक बंदरगाह शामिल है।

पिछले साल ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अडानी ने अमेरिका में 10 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया था। इससे करीब 15,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद थी। लेकिन इसके कुछ समय बाद ही अडानी और ग्रुप के सात अन्य टॉप अधिकारियों के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दर्ज हो गया। इन लोगों पर  भारत में सोलर एनर्जी से जुड़े ठेके हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने और यह बात अमेरिकी निवेशकों से छिपाने के आरोप हैं। इसके बाद अडानी ग्रुप की अमेरिका में निवेश की योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी।

अमेरिका में निवेश
अडानी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि फरवरी की शुरुआत में ट्रंप फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) पर रोक लगा दी थी। इससे अडानी ग्रुप बड़ी राहत मिली है। इससे यह उम्मीद जगी है कि उनके खिलाफ कानूनी चुनौतियां खत्म हो सकती हैं। हालांकि अमेरिकी नागरिक नहीं होने के कारण अडानी सीधे तौर पर इस कानून के तहत आरोपित नहीं थे। यह कानून उन अन्य लोगों के खिलाफ आरोपों का आधार है जो कथित तौर पर इसमें शामिल थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

एक अन्य सूत्र ने कहा कि ट्रंप के आने के साथ हमने कुछ योजनाओं को फिर से सक्रिय कर दिया है। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अडानी पर अब भी तलवार लटकी हुई है। साथ ही इस बात को लेकर भी चिंता है कि यह जांच लंबे समय तक चल सकती है। अडानी के एक और करीबी ने बताया कि हम अपने इरादों के बारे में स्पष्ट हैं, लेकिन जब तक यह मामला सुलझ नहीं जाता, हम इंतजार करेंगे। सूत्रों के अनुसार अडानी ग्रुप पहले अमेरिकी कंपनियों के साथ संभावित सहयोग के बारे में बातचीत कर रहा था और टेक्सस में पेट्रोकेमिकल निवेश के अवसरों की तलाश कर रहा था। अभी ग्रुप का अमेरिका में कोई बड़ा निवेश या प्रोजेक्ट नहीं है।

क्या कहते हैं जानकार
अमेरिका में मुकदमेबाजी अडानी ग्रुप के लिए बड़ा जोखिम हो सकती है। वॉशिंगटन में विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने कहा कि अगर अडानी के खिलाफ आरोप खारिज हो जाते हैं, तो ग्रुप अमेरिका में अपने निवेश को आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि अडानी के पास काफी वेल्थ है और मोदी सरकार के साथ उनके मजबूत संबंध हैं। इसे देखते हुए ट्रंप उन्हें हाथोंहाथ ले सकते हैं। इस बारे में अडानी ग्रुप ने टिप्पणी के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *