नई दिल्ली डेस्क/ दिल्ली महिला आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख बलात्कार के दोषियों की सजा में छूट और पैरोल को प्रतिबंधित करने के लिए मजबूत कानूनों और नीतियों की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बिलकिस बानो और गुरमीत राम रहीम का जिक्र कर मांग की है कि बिलकिस के बलात्कारियों और गुरमीत राम रहीम को वापस जेल भेजा जाए।
इसके अलावा आयोग ने सिफारिश की है कि बिलकिस बानो के बलात्कारियों और गुरमीत राम रहीम की समय से पहले रिहाई के मामले को संबंधित राज्य सरकारों और गृह मंत्रालय, भारत सरकार के साथ उठाया जाए ताकि बलात्कारियों को उनकी पूरी जेल अवधि की सजा दी जा सके और गुरमीत राम रहीम की पैरोल रद्द किया जा सके। आयोग ने गुरमीत राम रहीम की सभाओं में भाग लेने वाले हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है।
स्वाति मालीवाल ने इन घटनाओं को बहुत बिचलित करने वाला करार दिया है और कहा है कि, देश में सजा में छूट, पैरोल और यहां तक कि फरलो के मामले में मौजूदा नियम और नीतियां बेहद कमजोर हैं और इनमे राजनेताओं और दोषियों द्वारा अपने फायदे के लिए आसानी से हेरफेर किया जा सकता है। आयोग ने राजनेताओं और प्रभावशाली दोषियों द्वारा छूट, पैरोल और फरलो की नीतियों में हेराफेरी का मुद्दा उठाया है और इन कानूनों और नीतियों की समीक्षा के लिए सिफारिश की है।
आयोग ने सिफारिश की है कि बलात्कार, हत्या, तस्करी, तेजाब हमले और अन्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों के मामले में दोषियों की सजा में छूट की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही, ऐसे जघन्य अपराधों में असाधारण परिस्थितियों में, दुर्लभतम से दुर्लभतम मामलों में, सख्त शर्तों के साथ और केवल कुछ दिनों के लिए ही सजा काट रहे दोषियों को ही पैरोल और फरलो दी जानी चाहिए!