श्रीनगर डेस्क/ जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सरकार के जम्मू-कश्मीर के हालात सामान्य होने के दावे पर सवाल खड़े किए।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता ने यहां मीडिया के सामने सवाल खड़े करते हुए कहा, अगर कश्मीर में स्थिति सामान्य है, तो यहां असंतुष्ट आवाज क्यों उठ रही हैं। उन्होंने हमारा झंडा हटा दिया है, उन्होंने हमारी गरिमा को छीन लिया है।
उन्होंने दावा किया कि जब भी उनके पार्टी समर्थकों ने घाटी में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। उन्होंने सरकार पर लोकतांत्रिक विचारों को रोकने का आरोप लगाया।
महबूबा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह की स्थिति है, उसमें यह कहा जा सकता है कि यह बाबासाहेब भीवराव अंबेडकर द्वारा दिया गया संविधान नहीं है, जिसकी हम ईमानदारी एवं निष्ठा की प्रतिज्ञा लेते हैं।
उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, हमारे लड़कों और लड़कियों के लिए बाहर से उन लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा करना बहुत मुश्किल है। अगर हरियाणा 70 प्रतिशत नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर सकता है, तो हमारे युवाओं के लिए नौकरी में आरक्षण क्यों नहीं हो सकता है?
महबूबा ने सवाल किया कि जब दिल्ली चीन के साथ आठवें दौर की बातचीत में उलझी हुई थी, जिसने हमारी जमीन के 1,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, तो केंद्र को डोगरा और कश्मीरियों से विभिन्न मुद्दों पर बात करने में आखिर क्या समस्या है।