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उप्र की बैंकिंग व्यवस्था और होगी मजबूत, ‘112 यूपी’ करेगी सहयोग

लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए 112 यूपी का सहयोग लिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में बैंकों की सुरक्षा के संदर्भ में गठित राज्यस्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

अवस्थी ने बताया कि बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुद्धृण एवं चुस्त-दुरुस्त व उच्चीकृत बनाए जाने के लिए तकनीक का अधिकाधिक उपयोग किया जाएगा। बैंकों विशेषकर करेंसी-चेस्ट एवं एटीएम की सुरक्षा व्यवस्था को और प्रभावी बनाए जाने के लिए 112 यूपी का सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए बैंकों से उनकी शाखाओं तथा उसके अंतर्गत स्थापित एटीएम की लोकेशन का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराए जाने के लिए कहा गया है, ताकि उसे 112 यूपी के डाटा बैंक से जोड़ा जा सके। राज्य सरकार द्वारा नवगठित स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की सुविधा बैंकों को भी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएगी।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सभी बैंकों में आग से बचाव के लिए पर्याप्त प्रबंध किए जाने के लिए नियमित फायर ऑडिट कराए जाने तथा उसकी समीक्षा किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों के करेंसी चेस्ट का सुरक्षा ऑडिट स्थानीय थानाध्यक्ष एवं संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा। बैंकों की करैंसी चेस्ट में उपयोग की जाने वाली नगदी के सुरक्षित आवागमन विशेषकर उसे दूसरे राज्यों में लाने ले जाने से जुड़े सुरक्षा से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

अवनीश अवस्थी ने बताया की जाली नोटों के प्रचलन को सख्ती से रोकने के लिए भी सम्मिलित प्रयास किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। बैंकों की सुरक्षा प्रबंधों से जुड़े जिन प्रकरणों में स्थानीय शाखाओं की लापरवाही पाई जाएगी, उसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी। बैंकों की ओर से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए जाने में सुगमता के लिए सीसीटीएनएस योजना के तहत ई-एफआईआर प्रणाली की विस्तृत जानकारी भी बैंकों को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

लखनऊ व कानपुर में पुलिस के समुचित सुरक्षा कार्मियों की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराए जाने के लिए कहा गया है। बैंकों के अंतर्गत स्थापित सभी सीसीटीवी कैमरों को क्रियाशील रखने तथा उसकी डीबीआर को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए सभी शाखा प्रबंधकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित किए जाने तथा उसकी समय-समय पर आकास्मिक निरीक्षण किए जाने के लिए भी कहा गया है।

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