नई दिल्ली डेस्क/ केंद्र सरकार द्वारा इंटरनेट के जरिए दवाओं की बिक्री यानी ई-फार्मेसी को मंजूरी दिए जाने के खिलाफ ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) ने 28 सितम्बर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। एआईओसीडी के अध्यक्ष जे. एस. शिंदे ने एक प्रेस वार्ता में हड़ताल की घोषणा की। देशभर में दवाइयों के वितरण कारोबार से जुड़े एआईओसीडी के तकरीबन आठ लाख सदस्य 28 सितम्बर को दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
एआईओसीडी और आरडीसीए के अध्यक्ष संदीप नांगिया ने कहा, सरकार को किसी भी दवा की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इससे दवाइयों के दुरुपयोग का खतरा बढ़ जाता है। फिलहाल ऑनलाइन फार्मेसी का कारोबार अवैध है और सरकारी प्रशासन इसके खिलाफ अब कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। लिहाजा आम जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह गया है।
एआईओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा, इंटरनेट के जरिए दवाओं की बिक्री को मंजूरी देने का सरकारी फैसला दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव का खतरा भी बढ़ा सकता है। इससे कम गुणवत्ता वाली, सस्ते ब्रांड वाली और नकली दवाओं का बाजार भी खुल जाएगा। कम गुणवत्ता वाली दवाइयों का सबसे बड़ा आर्थिक नुकसान देश के आठ लाख केमिस्टों और लगभग 80 लाख कर्मचारियों एवं उनके परिवारों को ही उठाना पड़ेगा।
एआईओसीडी के उपाध्यक्ष सुरेंद्र दुग्गल ने कहा, ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआईओसीडी) के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ शहर के 12,000 से अधिक केमिस्ट और होलसेलर 28 सितम्बर को अपनी-अपनी दुकानें बंद रखेंगे और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे।