मुंबई डेस्क/ औरंगाबाद हथियार मामले में विशेष मकोका कोर्ट ने आतंकवादी अबु जुंदाल सहित 7 लोगों को उम्रकैद, 2 को 14 साल और 3 दोषियों को आठ साल की सजा सुनाई है। इस मामले में 12 लोगों को दोषी करार दिया गया था। इन लोगों में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी और 26/11 का साजिशकर्ता सैयद जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल भी शामिल है, जिसे उम्रकैद मिली है। अबु जुंदाल, असलम कश्मीरी, फैसल अताउर-रहमान शेख, अफरोज खान शाहिद पठान, सैयद अकीफ एस. जफरुद्दीन, बिलाल अहमद अब्दुल रजाक, एम. शरीफ शब्बीर अहमद, अफजल के. नबी खान, मुश्ताक अहमद एम. इसाफ शेख, जावेद ए. अब्दुल माजिद, एम. मुजफ्फर मोहम्मद तनवीर तथा मोहम्मद आमिर शकील अहमद।
विशेष मकोका न्यायाधीश एस.एल. अनेकर ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को भी सही माना कि यह मामला 2002 के गुजरात सांप्रदायिक दंगों के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया को मारने की साजिश का हिस्सा था। इस मामले में कुल 22 आरोपी थे, जिन्होंने बड़े पैमाने पर विस्फोटक, हथियार और गोला बारूद इकट्ठा किए थे और 2002 के गुजरात दंगे में नेताओं की भूमिका के लिए उन्हें निशाना बनाने की कथित रूप से साजिश रची थी। जुंदाल की गिरफ्तारी के बाद 2013 में मामले की सुनवाई दोबारा शुरू की गई। सुनवाई इस साल मार्च में मकोका अदालत में पूरी हुई।
औरंगाबाद हथियार जब्ती मामला करीब 10 साल पुराना है। तत्कालीन एटीएस प्रमुख के.पी.रघुवंशी को 8 मई, 2006 को औरंगाबाद में अवैध हथियारों की बड़ी खेप आने की सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर ही एटीएस टीम ने औरंगाबाद के निकट चांदवड़-मनमाड़ हाईवे पर एक टाटा सूमो एवं इंडिका कार का पीछा करना शुरू किया। टाटा सूमो जल्दी ही एटीएस की पकड़ में आ गई जिसमें सवार मोहम्मद आमिर शकील अहमद, मोहम्मद जुबेर सैयद अनवर एवं अब्दुल अजीम अब्दुल जमील शेख उर्फ राजा को गिरफ्तार किया गया लेकिन इंडिका कार पुलिस टीम को चकमा देकर भागने में सफल रही।