लखनऊ डेस्क/ पॉलिटेक्निक छात्रा संस्कृति राय के हत्यारों का 9 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लगाया जा सका हैं। लखनऊ पुलिस के हत्याकांड का पर्दाफाश करने में नाकाम होने के बाद के सीएम योगी ने यूपी एसटीएफ को अब जांच सौंपी दी। फिलहाल रविवार को पुलिस और एफएसएल की टीम ने मौका-ए-वारदात पर पूरे क्राइम सीन का रिक्रिएशन किया है और यह जानने की कोशिश की गई है की आखिर संस्कृति राय की हत्या कैसे की गई और वह हाईवे से नीचे खेत में कैसे पहुंच गई।
गौरतलब हो कि बलिया के भगवानपुर गांव निवासी अधिवक्ता उमेश कुमार राय की बेटी संस्कृति पॉलिटेक्निक की द्वितीय वर्ष की छात्र थी। उसकी हत्या करके बदमाशों ने शव को मड़ियांव स्थित घैला पुल के पास फेंक दिया था। 22 जून को घटना के समय वह घर के लिए निकली थी, लेकिन रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले ही उसकी हत्या कर दी गई। -हत्यारों की गिरफ्तारी न होने से लोगों में रोष है। इसको लेकर शुक्रवार को अधिवक्ता संग युवा चेतना के सदस्य भी सड़क पर उतर गए।
रविवार को लखनऊ पुलिस की नाकामियों के खिलाफ़ पॉलीटेक्निक की छात्रा का विरोध प्रदर्शन पुलिस के नाकामी के खिलाफ नारेबाजी किया। छात्रों ने बड़ी देर तक रास्ता जाम किया और आगज़नी किया हैं। यहीं नहीं संस्कृति राय की हत्या के बाद से तमाम पॉलिटेक्निक छात्र छात्राएं और समाज सेवी हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं ।