नई दिल्ली डेस्क/ देश में अधिकांश लोगों के लिए एटीएम से पैसा निकालते वक्त धोखाधड़ी और कार्ड क्लोनिंग एक सिरदर्द-सा बन गया है, जिससे निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी बैंकों को अधिसूचना जारी कर उनसे अपने एटीएम में एंटी-स्किमिंग मशीन स्थापित करने को कहा था।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) इस प्रक्रिया को शुरू कर चुका है और उसने मार्च 2019 तक अपने ज्यादातर एटीएम को सुरक्षित करने का लक्ष्य रखा है। पीएनबी ने एक बयान में कहा, “बैंक मौजूदा एटीएम निर्माताओं से ही नई एंटी-स्किमिंग तकनीक ले रहा है। हालांकि 2017 के बाद स्थापित अधिकांश एटीएम मशीनों में पहले से ही यह तकनीक मौजूद है। पीएनबी के देश भर में लगभग 9,500 एटीएम हैं, जिन्हें अगले वर्ष तक सुरक्षित बनाने का लक्ष्य रखा गया है।”
पीएनबी का मानना है कि उपभोक्ताओं को इस अभियान की सफलता के लिए समान रूप से भागीदारी दिखानी होगी। जबकि मशीनों को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने से स्किमिंग जैसे अपराधों की पुनरावृत्ति रोकने में एक लंबा रास्ता तय करना होगा। ग्राहकों को एटीएम से ट्रांजक्शन करने में पूर्ण रूप से सुरक्षित बनाने के लिए कुछ कदम भी उठाने पड़ेंगे।
बयान में कहा गया है, “सबसे पहले बैंक को अपने ग्राहकों से ऐसा करने के लिए कहना होगा कि वे अपने कार्ड को चुंबकीय पट्टी से चिप आधारित कार्ड में बदलें। चिप-आधारित कार्डो को आसानी से क्लोन नहीं किया जा सकता। बैंक को कुछ सावधानी बरतने के बारे में भी सुझाव देने चाहिए, जिससे ग्राहक सुरक्षित लेनदेन कर सकें।”
बयान के मुताबिक, सुनिश्चित करें कि ट्रांजक्शन की पूरी प्रक्रिया के वक्त कोई अन्य व्यक्ति एटीएम के अंदर न हो, और ध्यान दें कि एटीएम में कार्ड रीडर मशीन के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ हो और वह ढीला न हो। कार्ड ढीले होने से लेनदेन अधूरा रह जाता है, तो ग्राहक उस ट्रांजक्शन को ‘रद्द करें’ और बाहर निकलने से पहले होम स्क्रीन देखकर निकलें।
बयान में कहा गया है, “सभी बैंक सुनिश्चित कर रहे हैं कि एटीएम हैकिंग को रोकने के लिए किसी प्रकार का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल में न लाया जा सके।” आरबीआई अधिसूचना के अनुसार, ग्राहकों को चिप-आधारित एटीएम कार्ड लेने की आवश्यकता है। बैंकों ने बताया है कि जिन ग्राहकों ने चुंबकीय पट्टी कार्ड का उपयोग करना जारी रखा है, वे आसानी से कार्ड क्लोनिंग या एटीएम धोखाधड़ी का शिकार होंगे।