लखनऊ डेस्क/ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर में बनने जा रहे प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों होना प्रस्तावित है। शिलान्यास समारोह भव्य होगा और इसके लिए तैयारियों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
गुरुवार को गोरखपुर से अयोध्या रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भटहट ब्लॉक के पिपरी में आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने दूरबीन से पूरे स्थल का गहन मुआयना किया। मानसून के मौसम में वहां पानी लगा देख उन्होंने कहा कि यथाशीघ्र यहां से पानी की निकासी हो जानी चाहिए। मौके पर मौजूद जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि पानी निकासी का कार्य शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने शिलान्यास समारोह को लेकर तैयार रोड मैप का भी अवलोकन किया। निर्देश दिया कि समय से पूर्व सभी तैयारियां हो जानी चाहिए। जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप कार्यक्रम स्थल के समीप ही हेलीपैड निर्माण शुरू हो गया है। इस दौरान पिपराइच के विधायक महेन्द्रपाल सिंह व कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
गोरखपुर के भटहट ब्लॉक के पिपरी व तरकुलहा 52 एकड़ भूमि पर बनने जा रहे राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय में एक ही परिसर में आयुर्वेदिक, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी और योग चिकित्सा की पढ़ाई और उस पर शोध कार्य होगा। इन विधाओं से यहां चिकित्सा भी सुलभ होगी। योग सहित प्राकृतिक व परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करने में लगी योगी सरकार का यह बड़ा कदम है। प्रदेश के आयुष विधा के 98 कॉलेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे। आयुष विद्यालय के निर्माण से किसानों को भी काफी फायदा होगा।
विश्वविद्यालय की निगरानी में वह औषधीय खेती के लिए प्रेरित होंगे। इस विश्वविद्यालय में आयुष इंस्टिट्यूट व रिसर्च सेंटर भी होगा। विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 299.87 करोड़ रुपये की डीपीआर कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग ने बनाई है। शिलान्यास के तत्काल बाद इस विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। सीएम योगी आयुष विश्वविद्यालय में महाविद्यालयों की संबद्धता एवं अन्य प्रशासनिक कार्य सत्र 2021-22 से एवं विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य सत्र 2022-23 से प्रारंभ करने के निर्देश पहले ही दे चुके हैं। गोरखपुर में इस विश्वविद्यालय के खुलने से पूर्वांचल की छह करोड़ से अधिक जनता को चिकित्सा का एक और बेहतर विकल्प मिलेगा। विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य मार्च 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय है।