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भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में विश्वस्तरीय संगठन बनने की क्षमता : ऋषद प्रेमजी

भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में विश्वस्तरीय संगठन बनने की क्षमता : ऋषद प्रेमजी

न्यूयार्क डेस्क/ नॉसकॉम के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी का कहना है कि भारतीय स्टार्टअप कंपनियां अगले एक दशक में महत्वपूर्ण वृद्धि करेंगी। इनमें से कई के पास विश्वस्तरीय संगठन बनने की क्षमता है जो ‘ ब्रांड इंडिया ’ के अगले चरण का नेतृत्व करेंगे। इनमें भी अधिकतर प्रौद्योगिकी क्षेत्र से होंगे।

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी विप्रो के मुख्य रणनीति अधिकारी और निदेशक मंडल के सदस्य प्रेमजी ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियों से आह्वान किया कि वे कारोबार के लिए केवल सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं पर ही ध्यान देने से आगे बढ़कर सोचें। वे देश में मौजूद अन्य पारिस्थतिकी क्षमताओं पर भी ध्यान दें। देश में स्टार्ट – अप कंपनियों के भविष्य के लिए मौजूदा वातावरण के बारे में प्रेमजी ने सकारात्मक विचार व्यक्त किए।

एक साक्षात्कार में प्रेमजी ने कहा , ‘‘ भारत में आज की तारीख में 5,000 से ज्यादा स्टार्टअप हैं। मेरा मानना है कि आने वाले आठ – दस साल में इनकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इनमें से कई के पास विश्वस्तरीय उत्पाद बनाने और विश्वस्तरीय संगठन बनने की क्षमता है। यह विश्वस्तरीय रोजगारपरकता का निर्माण करेंगे और कई मायनों में भारत की अगली पीढ़ी की ब्रांडिंग करेंगे। ’’

सॉफ्टवेयर कंपनियों के संगठन नासकॉम की एक रपट ‘ दृष्टिकोण 2025 : डिजिटल क्रांति को स्वरूप देना ’ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमें पारंपरिक सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं से आगे बढ़कर देखना होगा। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को लेकर वह बहुत ‘ आशान्वित ’ हैं।

विप्रो की अमेरिका में योजनाओं के बारे में बात करते हुए प्रेमजी ने कहा कि विप्रो अमेरिका में अपनी सेवाओं और कारोबार के अधिक स्थानीयकरण पर ध्यान दे रही है। अब यहां काम करने वाले उसके कुल कर्मचारियों में आधे से भी अधिक स्थानीय लोग हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में उसके 14,000 से अधिक कर्मचारी हैं और इनमें 58% से स्थानीय लोग हैं।

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