लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इंटरमीडिएट की परीक्षा को रद्द कर दिया है। उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने परीक्षा निरस्त करने की घोषणा की है। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश निरंतर छात्र हित में कार्य कर रहा है। उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने गत वर्ष 2020 के जुलाई माह में ही कोरोना महामारी के दृष्टिगत पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान के दृष्टिगत, पाठ्यक्रम में 30 फीसदी की कमी कर दी थी। अब महामारी के प्रभाव को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है।
डॉ. दिनेश शर्मा के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12वीं की परीक्षा को रद्द करने के निर्णय को मंजूरी दे दी है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री व शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद अपना निर्णय लिया। सीबीएसई व आइएससी के बाद मध्य प्रदेश के बाद गुजरात व उत्तराखंड की सरकार बोर्ड की परीक्षा रद्द कर चुकी हैं। इसके बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया है। इससे पहले यूपी सरकार ने हाईस्कूल की परीक्षा रद्द कर चुकी है।
12वीं की परीक्षा जुलाई के दूसरे सप्ताह में आयोजित की जानी थी पर सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लिए गए निर्णय के तहत निरस्त होने के बाद यूपी बोर्ड की परीक्षा का भी निरस्त होना तय माना जा रहा था। गुरुवार को इस निर्णय की घोषणा कर दी गई। बता दें कि यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 26 लाख 10 हजार 316 परीक्षार्थी पंजीकृत थे।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ करीब आधा घंटा की बैठक के बाद सरकार ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक परिषद यानी यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा को भी रद्द कर दिया है। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा अराधना शुक्ला भी मौजूद थीं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के करीब सौ वर्ष के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कक्षा 10 तथा कक्षा 12 की परीक्षा को रद किया गया है। इससे पहले यूपी सरकार ने हाईस्कूल की परीक्षा रद कर चुकी है।
9वीं व 11वीं के छात्र वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर अगली कक्षा में भेजे जाएंगे। यदि सालभर कोई परीक्षा या असेसमेंट नहीं हुआ हो तो सामान्य रूप से छात्रों को प्रमोट करने का निर्देश है। शिक्षा विभाग के निर्देश से सभी स्कूलों को अवगत करा दिया गया है। वहीं, कक्षा 6, 7, 8, 9 और 11 के छात्रों को प्रोन्नत करने के संबंध में यदि किसी प्रकार की शिकायत होगी तो उसकी सुनवाई जिला स्तर की कमेटी करेगी।