लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि के बावजूद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य के किसी भी हिस्से में रात में कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाने से इनकार किया है। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि सरकारी तंत्र कोरोना मामलों को रोकने के लिए फोकस और कॉन्टेक्ट/टारगेट टेस्टिंग जैसे निवारक कदमों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र को हाई अलर्ट पर रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “होली के त्योहार के मद्देनजर हवाई यात्रियों और बाहर से आने वाले अन्य यात्रियों का हवाई अड्डे, रेलवे प्लेटफार्मों और बस स्टेशनों पर परीक्षण किया जाएगा। 250 मीटर के क्षेत्र में माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं, भले ही किसी हिस्से से एक मामला सामने आया हो।”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों की तरह भयावह नहीं है, इसलिए नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन लगाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, राज्य के लोगों को कोविड-19 प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का अनुपालन करने की सलाह दी जा रही है। पुलिस और जिला अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि सार्वजनिक जगहों पर लोग मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए रखें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 मामलों में उछाल से निपटने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों से दो-तरफा रणनीति अपनाने को कहा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को न केवल 15 दिनों के लिए टेस्टिंग ड्राइव शुरू करने को कहा है, बल्कि घातक वायरस के प्रसार से निपटने के लिए 31 मार्च तक 1 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य भी रखने का निर्देश दिया है। पिछले 24 घंटों में प्रयागराज से 42 और लखनऊ से कोरोना के 28 मामले सामने आए हैं।