लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के परिणामों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अंदरूनी तौर पर चोट तो गहरी लगी सी दिख रही है, लेकिन भाजपा और उसके लोग उपचुनावों में हार को अंदर से स्वीकार करने को तैयार कतई नहीं हैं| यह अलग बात है कि पार्टी का प्रदेश नेतृत्व हार को दबे शब्दों में स्वीकार करते हुए समीक्षा करने की भी बात कर रहे हैं| भाजपा सरकार के मंत्रीगण उपचुनाव की हार को एक दूसरे नजरिए से देख उस पर पर्दा डाल रहे हैं| यही नहीं योगी सरकार का कोई मंत्री उपचुनाव की हार को ‘लौ बुझने से पहले तेज जलती है’ के नजरिए से देख रहा है तो कोई मंत्री कह रहा कि ‘भाजपा के समर्थक गर्मी की छुट्यिों में बच्चों संग घूमने चले गए इसलिए हार गए’ के नजरिए से देख रहा है।
उप्र की कैराना लोकसभा सीट पर गठबंधन का उम्मीदवार तो नूरपुर विधानसभा सीट पर सपा का उम्मीदवार विजयी हुआ है| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय का कैराना और नूरपुर के चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहना है कि “विकास की राजनीति पर थोड़े समय के लिए फतवों व जातिवादी, सिद्धान्तविहीन राजनीति भारी पड़ी है|” डॉ. पाण्डेय ने कहा, “यद्यपि वहां के स्थानीय समीकरण चुनौतीपूर्ण थे परंतु फिर भी हमने कैराना लोकसभा में दो विधानसभाओं में कथित गठबंधन को हराया, लेकिन तीन विधानसभाओं में कहां कमियां रह गईं, साथ ही नूरपुर में भाजपा को कथित गठबंधन के बावजूद विधानसभा चुनाव के मुकाबले 11 हजार वोट अधिक प्राप्त हुए, लेकिन फिर भी कुछ वोटों के अंतर से चुनावी नतीजे हमारे अनुकूल नहीं रहे, हम इसकी गहन समीक्षा करेंगे, तदनुसार आगे की रणनीति एवं कार्ययोजना बनाएंगे|”
उन्होंने कहा कि भाजपा ने विकास और किसान कल्याण की राजनीति तथा अपनी योजनाओं के प्रसार के साथ जनता के मध्य सकारात्मक राजनीति की है, वहीं विपक्ष झूठ और फतवों की नकारात्मक साम्प्रदायिक प्रवृत्ति की राजनीति के साथ चुनाव में था, लेकिन झूठ और फतवों की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलेगी| जनता 2019 के आम चुनाव में मोदी जी को पुन: प्रधानमंत्री बनाकर विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को अवश्य जवाब देगी| इसी तरह योगी सरकार के राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने इस संबंध में ट्वीट कर कहा है कि ‘कैराना में जीत जातिवाद एवं संप्रदायवाद की जीत है जो तात्कालिक है| मोदी जी ने नारा दिया जातिवाद मुक्त, संप्रदाय मुक्त भारत का और जनता काम कर रही है| लेकिन लौ बुझने से पहले तेज जलती है| उप चुनाव का परिणाम भी यही है|’