श्रीनगर डेस्क/ केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करने से इनकार करने पर आज हुर्रियत नेताओं पर हमला बोला और कहा कि अलगाववादियों के व्यवहार ने दिखा दिया कि वे कश्मीरियत, इंसानियत और जम्हूरियत में विश्वास नहीं करते हैं । राजनाथ ने कहा कि कश्मीर पर ‘‘वार्ता के लिए दरवाजे और खिड़कियां’’ हमेशा खुली हैं, लेकिन उन्होंने निकट भविष्य में पाकिस्तान से किसी तरह की बातचीत की संभावना से यह कहते हुए इनकार किया कि ‘‘पहले हमें अपने देश के भीतर लोगों से बात करने दीजिए ।’’
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे राजनाथ ने इसकी यात्रा के दूसरे दिन संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य अपनी व्यक्तिगत हैसियत से हुर्रियत नेताओं से मिलने गए । हमने :जाने के लिए न तो ‘हां’ कहा और न ही ‘ना’ कहा ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिनिधियों द्वारा दी गई सूचना :इस बारे में कि सदस्यों से कैसा व्यवहार किया गया: यह स्पष्ट करती है कि यह न तो कश्मीरियत है और न ही इंसानियत ।’’
अलगाववादियों ने कल माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, जदयू के शरद यादव, राजद के जयप्रकाश नारायण और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे सांसदों के उन तक पहुंच बनाने के प्रयासों को कोई तवज्जो नहीं दी थी । राजनाथ ने अलगाववादियों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘‘सदस्य कल बात करने गए थे, लेकिन बातचीत से इनकार कर उन्होंने :अलगाववादियों ने: दिखा दिया कि वे जम्हूरियत में भी विश्वास नहीं करते ।’’