नई दिल्ली डेस्क/ मुद्रास्फीति दबाव तथा रुपये की गिरावट के कारण अगले साल की पहली तिमाही में रिजर्व बैंक नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। एक रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।
वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी गोल्डमैन सॅक्स के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति दबाव बढ़ते रहने का अनुमान है।
गोल्डमैन सॅक्स ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमारी यह धारणा बनी रहेगी कि तेल, रुपया एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बदली धारणा के बाद भी रिजर्व बैंक खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि को कम करके आंक रहा है।’’
अगले साल की पहली तिमाही में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ही गोल्डमैन सॅक्स का मानना है कि दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही में भी 0.25-0.25 प्रतिशत की वद्धि का अनुमान है।’’
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने हालिया नीतिगत बैठक में बाजार के अनुमानों के विपरीत दरों को पुराने स्तर पर यथावत रखा था।