नई दिल्ली डेस्क/ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि हम आठ क्षेत्रों को लेकर आपके सामने आए हैं। हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार रहना है। सिस्टम से जुड़े बड़े सुधार हमने किए हैं, जिसमें जीएसटी, आईबीसी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (कारोबारी सुगमता) से जुड़े सुधार, पावर सेक्टर से जुड़े सुधार, टैक्स सिस्टम से जुड़े सुधार आदि शामिल हैं।
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद आज चौथा दिन है। पिछले दिनों में हमने कई ऐलान किए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के जरिए लोगों को राहत दी गई। एमएसएमई, एनबीएफसी के लिए ऐलान किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आत्मनिर्भर होना चाहिए। आत्मनिर्भर का मतलब ये नहीं कि हम दुनिया से अलग हो जाएं। कई सेक्टर को पॉलिसी से जुड़ी गतिविधियों की जरूरत है।
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर से लोगों को बहुत फायदा हुआ। जीएसटी, आईबीसी जैसे सुधारों से फायदा हुआ। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए कई कदम उठाए। सरकारी बैंकों से जुड़े सुधार किए। इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रकर के लिए भी कोशिश शुरू हो चुकी हैं। लैंड बैंक बनाने में तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आगे बढ़ेंगे। भविष्य के लिए 5 लाख हेक्टेयर जमीन की मैपिंग की जाएगी। आज 8 सेक्टर- कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयर स्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट्स, मेंटेनेंस एंड ओवरहॉल, केंद्र शासित प्रदेशों में पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा पर बात होगी।
कोल् माइनिंग सेक्टर में रेवेन्यू शेयर के आधार पर कमर्शियल माइनिंग की जरूरत है। भारत दुनिया के तीन सबसे बड़े कोल भंडारण क्षमता वाले देशों में शामिल है। कोयला खदान की नीलामी के नियम आसान बनाएंगे। 50 नए कोयला ब्लॉक्स उपलब्ध करवाए जाएंगे। कोल माइनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। पारदर्शी ऑक्शन के जरिए 500 माइनिंग ब्लॉक उपलब्ध करवाए जाएंगे। एल्युमिनियम इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोल ब्लॉक्स का जॉइंट ऑक्शन किया जाएगा। मिनरल इंडेक्स बनाया जाएगा। स्टांप ड्यूटी में राहत दी जाएगी।
सुरक्षा बलों को आधुनिक हथियारों की जरूरत है। डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स से सलाह कर धीरे-धीरे कुछ हथियारों के इंपोर्ट पर रोक लगाएंगे। क्वालिटी का ध्यान रखते हुए घरेलू प्रोडक्शन बढ़ाएंगे। डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग में ऑटोमेटिक रूट से एफडीआई लिमिट 49% से बढ़ाकर 74% की जाएगी। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का कॉर्पोरेटाइजेशन किया जाएगा। कॉर्पोरेटाइजेशन का मतलब प्राइवेटाइजेशन नहीं समझा जाए।
एयरस्पेस का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा। इससे एयरलाइंस को ईंधन और समय की बचत होगी। पीपीपी के आधार पर 6 नए एयरपोर्ट की नीलामी की जाएगी। देश के एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ेंगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 2300 करोड़ रुपए का डाउन पेमेंट किया जाएगा। एयरस्पेस बढ़ाने से एयरलाइंस को 1000 करोड़ रुपए का सालाना फायदा होगा। एयरपोर्ट प्राइवेटाइजेशन के पहले चरण में 12 हवाई अड्डों में 13 हजार करोड़ रुपए का निवेश आएगा।