नई दिल्ली डेस्क/ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने बतौर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री 2013 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध हमीरपुर जिले में 14 लोगों को पट्टे प्रदान किए। सीबीआई के सूत्रों ने अखिलेश यादव द्वारा जारी 22 पट्टों की सूची जारी की। अखिलेश यादव के पास उस समय खनन मंत्रालय का भी जिम्मा था। बाद में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘यादव ने 17 फरवरी 2013 में एक बार में 13 लोगों को पट्टे प्रदान किए। बाद में 14 जून 2013 को उन्होंने फिर हमीरपुर जिला में एक व्यक्ति को पट्टा प्रदान किया।’’ उन्होंने बताया कि इन 14 लोगों को प्रदेश सरकार की 2012 की ई-टेंडर पॉलिसी की अवमानना करते हुए पट्टे प्रदान किए गए। इस पॉलिसी की पुष्टि 29 जनवरी 2013 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा की गई थी। इससे पहले शनिवार को एजेंसी ने कहा कि लाइसेंस प्रदान करने में यादव की भूमिका की जांच की जाएगी, इसके बाद राजनीतिक गलियारे में बबाल मच गया।
सपा प्रमुख ने रविवार को आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विपक्ष की बांह मरोड़ने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करके राजनीतिक विरोधियों को भयभीत करने की कोशिश कर रही है।