लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए अगले साल जून तक 50 नए ट्रांसमिशन उपकेन्द्र शुरू हो जाएंगे। इससे बिजली की मांग पूरी करने में सहूलियत मिलेगी।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की समीक्षा के दौरान बताया, इस वर्ष सर्वाधिक मांग 23,419 मेगावाट रही है। जिसे हमने सफलतापूर्वक पूरा किया है। हम लगातार अपने नेटवर्क में सुधार कर रहे हैं। ऊर्जा की मांग के अनुरूप पारेषण क्षमता, आयात क्षमता व लो वोल्टेज की दिक्कतों को दूर करने के लिए बनाये जा रहे उपकेंद्रों का काम शीघ्र पूरा किया जा रहा है। अगले वर्ष की गर्मियों में निर्बाध आपूर्ति के लिए आवश्यक तंत्र विकसित करने का काम भी किया जा रहा है। इसके लिए कारपोरेशन चरणबद्घ ढंग से 50 नये ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का निर्माण कर रहा है, जो जून 2021 तक बनकर चालू भी हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 की गर्मियों में अधिकतम ऊर्जा मांग 26,500 मेगावाट रहने की उम्मीद है। इसके लिए आयात क्षमता और पारेषण क्षमता को क्रमश: 14,000 मेगावाट तथा 28,000 मेगावाट तक बढ़ाया जाएगा। मौजूदा समय में आयात क्षमता जहां 12,300 मेगावाट है, वहीं ग्रिड की पारेषण क्षमता 24,500 मेगावाट है।
श्रीकांत ने बताया कि प्रदेश के 50 से ज्यादा जनपदों के निवासियों को अनावश्यक ट्रिपिंग और लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिल जाएगी। साथ ही निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक पारेषण नेटवर्क भी बन जायेगा।
उन्होंने बताया कि कारपोरेशन 2025 तक आवश्यक मांग के अनुरूप पारेषण नेटवर्क विकसित करने की कार्ययोजना पर काम कर रहा है। वर्ष 2025 तक कुल मांग 31,500 मेगावाट होने की उम्मीद है। इसके सापेक्ष आवश्यक पारेषण तंत्र के साथ ही कुल 198 नये पारेषण उपकेंद्र भी बनाये जाएंगे। साथ ही पारेषण क्षमता भी 34,000 मेगावाट व आयात क्षमता 16,000 मेगावाट तक बढ़ाई जाएगी।