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उप्र के 16 जिले बाढ़ की चपेट में, कई गांवों का संपर्क मार्ग डूबा

उप्र के 16 जिले बाढ़ की चपेट में, कई गांवों का संपर्क मार्ग डूबा

लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में कई नदियों के उफनाने से आई बाढ़ ने एक बार फिर कहर ढाना शुरू कर दिया है। सरयू, घघरा के बढ़े जलस्तर ने कई गांवों को प्रभावित किया है। तराई क्षेत्रों में नदियों का पानी खतरे के निशान के ऊपर बह रहा है। प्रदेश में 16 जिले बाढ़ की चपेट में हैं।

बहराइच-महसी तहसील के जुगलपुरवा, जरमापुर, जमई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। लोगों के सामने अवागमन का साधन नाव है। फसल डूबने के साथ ग्रामीणों की माली हालत भी गड़बड़ाने लगी है। वहीं, श्रावस्ती में हल्की बारिश के बावजूद राप्ती का जलस्तर तेजी बढ़ रहा है। इस कारण लोग सहमे हुए हैं।

बहराइच के राहुल ने बताया कि महसी तहसील में एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। ज्यादातर गांवों के संपर्क मार्ग बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। लोगों को पानी के अंदर से होकर आना पड़ रहा है। लोग गांवों से ऊंचे स्थानों में रह रहे हैं। हालांकि उनके पास व्यवस्था अभी उतनी मजबूत नहीं, जितनी होनी चाहिए। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तकिया गांव के नाजरीन बाढ़ के पानी में डूबने लगी है। इसके अलावा यहां पर विद्युत व्यवस्था भी चरमरा गई है।

जिला प्रशासन के अधिकरियों का कहना है कि बाढ़ व कटान के हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। लोगों को किसी प्रकार दिक्कत न हो, इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। उधर, शारदा नदी की तेज लहरों ने ग्राम ढकिया सूरजपुर के पास कई तटबंध को कई जगह पर काट दिए हैं। बाढ़ के पानी के कारण खेत डूब गए हैं। तटबंध की मरम्मत के लिए सिंचाई विभाग तेजी से कार्य कर रहा है।

राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में अब तक 16 जनपद- अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोंडा, गोरखपुर, खीरी, कुशीनगर, मऊ , संतकबीर नगर तथा सीतापुर के 642 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 362 गांव जलमग्न हैं।

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