लखनऊ डेस्क/बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तंभ न्यायपालिका को बार-बार अपमानित करने व उसे नीचा दिखाने को लेकर आलोचना की है। मंगलवार को एक लेटर जारी करते हुए मायावती ने कहा कि कार्यपालिका का न्यायपालिका के साथ ऐसा विद्वेषपूर्ण बर्ताव सही नहीं है।
मायावाती ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस प्रकार के दुखद रवैये के कारण न्यायपालिका आज अभूतपूर्व संकट झेल रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि केन्द्र व राज्यों में जनविरोधी व संविधान की पवित्र मंशा के विरूद्ध काम करने वाली बीजेपी की वर्तमान सरकारों केन्द्र व राज्य सरकारों के खिलाफ न्यायपालिका ही एकमात्र उम्मीद की किरण है।
विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ देश की न्यायपालिका के प्रति यह केन्द्र सरकार की हठधर्मी व निरंकुशता का द्योतक है। स्वंय कानून मंत्री व अन्य केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा भी बार-बार सार्वजनिक तौर पर यह कहे जाने पर कि केन्द्रीय कानून मंत्रालय कोई ‘डाकघर’ नहीं है जो जजों की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के कोलजियम की सिफारिश पर आंख बन्द करके अमल करता रहे।