नई दिल्ली डेस्क/ इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष 2020-21 में 5.3 प्रतिशत सिकुड़ने का अनुमान है। देश के इतिहास में यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की सबसे निचली वृद्धिदर होगी। रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में संकुचन का यह छठा अवसर होगा। रेटिंग एजेंसी की रपट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पादन की रफ्तार और स्तर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार श्रृंखला टूट गई है।
विमानन, होटल और आतिथ्य क्षेत्र में गतिविधियां पूरी तरह ठप (हालांकि, अब कुछ गतिविधियां शुरू हो रही हैं) हो गई हैं। ऐसे में पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने की उम्मीद नहीं है। रपट में कहा गया है कि पूरे वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी ही, प्रत्येक तिमाही के दौरान भी अर्थव्यवस्था नीचे आएगी। हालांकि, एजेंसी का मानना है कि अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटेगी और पांच से छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी।
रपट कहती है कि आधार प्रभाव तथा घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति सामान्य होने की वजह से अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था वृद्धि दर्ज करेगी। इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.3 प्रतिशत की गिरावट आएगी।