लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की नई टैग लाइन नई हवा है, नया सपना है है। इसका मुकाबला करने के लिए, पार्टी अपने (मुस्लिम-यादव) फॉर्मूले को एक नया अर्थ दे रही है, जिसने उसे उत्तर प्रदेश में एक से अधिक बार सत्ता में पहुंचाया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा, नए सपा में एम-वाई का मतलब महिला (महिला) और युवा है। हम अब बड़े परिप्रेक्ष्य में मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं और जातिवाद से बंधे नहीं हैं।
समाजवादी पार्टी, जाहिर तौर पर, जाति की रेखाओं से ऊपर उठकर महिलाओं और युवाओं को एक समुदाय के रूप में संबोधित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसानों के मुद्दों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है और युवाओं को रोजगार से वंचित रखा गया है।
उन्होंने कहा, ये मुद्दे आगामी चुनावों में चुनावी मुद्दा होंगे। महिलाओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों ने साबित कर दिया कि वे इस शासन में सुरक्षित नहीं हैं।
उन्होंने कहा, हमने महिलाओं के लिए हेल्पलाइन स्थापित की थी, लेकिन इस सरकार ने उन्हें अप्रभावी बना दिया। महिलाओं के बारे में सारी बातें कागजों पर होती हैं, हकीकत में नहीं। उन्होंने दावा किया कि जनता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से निराश है और सपा को सत्ता में वापस लाएगी।
उन्होंने कहा, सपा पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विचारधारा और नई रणनीतियों के साथ सरकार बनाएगी। अखिलेश ने अपनी पार्टी के खिलाफ भाई-भतीजावाद के आरोपों का जोरदार खंडन किया और कहा कि सपा के पास हमेशा हर मेहनती, समाजवादी और उत्साही कार्यकर्ता के लिए जगह थी।
उन्होंने कहा, इसके बजाय, यह भाजपा है जिसे अपने कार्यकर्ताओं के लिए कोई सम्मान नहीं है। जिन्होंने पार्टी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है, उन्हें किनारे कर दिया गया है, जबकि दल बदलूओं को मंत्री पदों से पुरस्कृत किया गया है।