पटना डेस्क/ बिहार में गंगा, कोसी सहित करीब सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के 17 जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है, हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं।
जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि गंगा नदी पटना के गांधीघाट व हाथीदह, भागलपुर के कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि पुनपुन पटना के श्रीपालपुर में खतरे के निशान के ऊपर है।
बागमती नदी शिवहर के डूबाधार, सीतामढ़ी के कंसार, मुजफ्फरपुर के कटौंझा व बेनीबाद, दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान से ऊपर हैं तथा बूढ़ी गंडक नदी समस्तीपुर और खगड़िया में लाल निशान के ऊपर बह रही है।
कमला बलान मधुबनी के पास खतरे के निशान को पार कर गई हैं। घाघरा नदी सीवान में तथा महानंदा पूर्णिया के ढेंगरा घाट में खतरे के निशान से ऊपर हैं।
कोसी नदी खगड़िया के बलतारा और कटिहार के कुर्सेला में तथा गंडक पूर्वी चंपारण के चटिया, गोपालगंज के डुमरिया घाट और मुजफ्फरपुर के रेवा घाट में लाल निशान के ऊपर बह रही है। खिरोई नदी दरभंगा में खतरे के निशान से ऊपर है।
इधर, सोन नदी पर बने इंद्रपुरी बैराज के पास नदी के जलस्तर में वृद्घि देखी जा रही है। यहां सुबह छह बजे सोन नदी का जलस्तर 11,851 क्यूसेक था जो दिन के दो बजे बढ़कर 13,081 क्यूसेक तक पहुंच गया।
राज्य में बाढ से करीब 17 जिलों के 2,200 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि प्रभवित इलाकों में राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। राहत कार्य में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीेमों को लगाया गया है। इस बीच, बाढ़ के कारण राज्य में ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुआ है।