बेंगलुरु डेस्क/ स्टैंडअप कॉमेडिन मुनव्वर फ़ारूक़ी का ‘डोंगरी टू नोव्हेर’ शो रविवार को बेंगलुरु पुलिस ने क़ानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए रद्द कर दिया। इसके साथ ही बेंगलुरु पुलिस ने हवाला दिया कि फ़ारूक़ी एक ‘विवादित व्यक्ति’ हैं। शो रद्द होने के बाद मुनव्वर ने इंस्टाग्राम और ट्विटर पर एक बयान पोस्ट किया और उसके साथ लिखा, “नफ़रत जीत गई, आर्टिस्ट हार गया | मेरा काम पूरा हुआ | गुड बाय | नाइंसाफ़ी”।
मुनव्वर ने अपने बयान में लिखा, “आज बैंगलोर शो कैंसल हो गया (आयोजन स्थल को नुक़सान पहुंचाने के ख़तरे के चलते)। हमने 600 से अधिक टिकट बेचे थे। एक महीने पहले मेरी टीम ने दिवंगत पुनीत राजकुमार सर के संगठन को चैरिटी के लिए प्रस्ताव दिया था जो बैंगलोर में कार्यक्रम के ज़रिए आती। हम सहमत हुए कि इस शो को चैरिटी के नाम पर नहीं बेचेंगे। “
“वो जोक जो मैंने आज तक नहीं किया उस पर मुझे जेल भेजा गया उस शो को रद्द किया गया जिसमें कोई समस्या नहीं थी। यह बहुत ग़लत है। इस शो को भारत में बिना किसी धर्म के लोगों को बहुत प्यार मिला है। यह बहुत ग़लत है। ” “हमारे पास इस शो का सेंसर सर्टिफ़िकेट भी था जिसमें कोई समस्या नहीं थी। आयोजन स्थल और दर्शकों को ख़तरे के कारण हमें बीते 2 महीनों में 12 शो रद्द करने पड़े हैं। “
इसके बाद मुनव्वर ने अपने बयान में लिखा है कि ‘इनकी नफ़रत का बहाना बन गया हूं, हंसा कर कितनों का सहारा बन गया हूं, टूटने पर इनकी ख़्वाहिश होगी पूरी, सही कहते हैं, मैं सितारा बन गया हूं। “मुनव्वर ने इस नज़्म के बाद लिखा है कि ‘मुझे लगता है कि यह अंत है। मेरा नाम मुनव्वर फ़ारूक़ी है और मेरा समय अब हो गया है, आप सभी लोग बहुत शानदार दर्शक थे। गुड बाय. मेरा काम पूरा हुआ। ‘
मुनव्वर फ़ारूक़ी को इस साल जनवरी में कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने के जुर्म में इंदौर में गिरफ़्तार किया गया था। वो एक महीने तक इंदौर की जेल में रहे थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत पर रिहा किया था। वो बार-बार हिंदूवादी समूहों का निशाना बनते रहे हैं जिसके कारण उन्हें अपने कई शो रद्द करने पड़े हैं।