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लखनऊ यूनिवर्सिटी के मालवीय सभागार में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर संगोष्ठी का आयोजन

लखनऊ यूनिवर्सिटी के मालवीय सभागार में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर संगोष्ठी का आयोजन

TIL Desk लखनऊ:👉एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर संगोष्ठी का आयोजन | लखनऊ यूनिवर्सिटी के मालवीय सभागार में संगोष्ठी का आयोजन | विश्वविद्यालय के नूतन पुरातन शैक्षिक परिवार द्वारा संगोष्ठी का किया गया आयोजन |

एक राष्ट्र एक चुनाव कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या मुख्य अतिथि के रूप में हुए शामिल | केशव प्रसाद मौर्या ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुवात की | एक राष्ट्र एक चुनाव कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय भी रहे मौजूद |

संगोष्ठी कार्यक्रम में भाजपा के तमाम कार्यकर्ता और विश्व विद्यालय के छात्र, छात्राएं और प्रोफेसर भी रहे शामिल | संगोष्ठी में एक राष्ट्र एक चुनाव पर की गई चर्चा |

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का संबोधन :

आने वाले समय में एक राष्ट्र एक चुनाव होकर रहेगा, कोई भी इसको टाल नहीं सकता है। जिस और जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है। यहाँ पर मौजूद युवा छात्र भी एक राष्ट्र एक चुनाव चाहते है।

2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में सरकार बनी। उनके आने के बाद देश में कई असंभव और कड़े कड़े से फैसले मोदी सरकार ने लिए। पहलगाम घटना दुःखद है जिससे देश दुखी है। हमने वहाँ से अनुच्छेद 370 को खत्म किया। इसी तरह अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करवाया।

महिलाओं को बराबरी पर खड़ा करने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 पास किया गया। ये सब मोदी सरकार की उपलब्धि है। एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी। कमेटी में देश के गृह मंत्री, कानून मंत्री भी थे। वरिष्ठ पूर्व कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद भी मौजूद थे।

18262 पन्नो की रिपोर्ट इस कमेटी ने तैयार की है। जो पीएम मोदी को सौंपी गई। वक्फ संशोधन बिल को लेकर भी जेपीसी का गठन किया गया। उसमे भी कई लोगों ने विरोध जताया लेकिन उसकी विस्तार से चर्चा कराकर पास किया।

देश आज़ाद होने से लेकर 1967 तक जब एक देश एक चुनाव हो सकता है तो अब क्यों नहीं हो सकता है। एक देश एक चुनाव ये आमजन की माँग है। एक देश एक चुनाव से देश को ही फ़ायदा होगा। कांग्रेस एक देश एक चुनाव से ख़ुश नहीं है। नेहरू जी के समय हो सकता था तो अब क्यों नहीं ये कांग्रेस को समझना होगा।

मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने का लक्ष्य दिया। फिर विकसित भारत का लक्ष्य दिया। कुछ राजनीतिक दल एक देश एक चुनाव से डर क्यों लग रहा है। उनको चर्चा करना चाहिए। विपक्ष को हर अच्छे का काम विरोध करना है बस।

एक साथ सारे चुनाव होंगे तो विकास होगा। ग़रीबी मुक्त भारत का संकल्प पूरा होगा। देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी। राहुल गांधी विदेश यात्रा पर थे और देश के बाहर इन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए।

अखिलेश यादव ने कहा ED को ही बंद कर देना चाहिए। क्या भाजपा वालों ने ED बनाई है। जब कोई संस्था अच्छा काम करती है तो इन लोगों को दर्द क्यों होता है।

एक देश एक चुनाव का विषय आगे बढ़ाना चाहिए। बीजेपी देश के पैसे को बचाने चाहती है। कांग्रेस इसमें अड़ंगा डाल रही है। एक देश एक चुनाव पूरे देश का काम है।

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