नई दिल्ली डेस्क/ कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंद को विस्तार दिया गया है, जिससे सड़क से लेकर वायु परिवहन से जुड़े उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बीच क्रिसिल ने अपनी एक रिपोर्ट में विमानन क्षेत्र को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई है। क्रिसिल इंफ्रास्ट्रक्चर एडवाइजरी की रिपोर्ट के मुताबिक, विमानन उद्योग को इस वित्तीय वर्ष में 24,000 से 25,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका सबसे अधिक 70 प्रतिशत प्रभाव एयरलाइंस पर पड़ेगा, जिससे 17,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। इसके बाद हवाईअड्डे के संचालक 5,000 से 5,500 करोड़ रुपये और हवाईअड्डे के खुदरा विक्रेता (खुदरा, खाद्य और पेय पदार्थ एवं शुल्क मुक्त) को 1,700 से 1,800 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना होगा।
क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य विमानन केंद्रों जैसे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता में यात्रा पर रोक लंबे समय तक जारी रही तो नुकसान बहुत अधिक होगा। साथ ही कहा गया है कि विमानन क्षेत्र को पहले की तरह सामान्य हालात में पहुंचने में 18 से 24 महीनों का समय लग सकता है। सीआरआईएसआईएल इंफ्रास्ट्रक्च र एडवाइजरी के निदेशक जगनारायण पद्मनाभन के अनुसार, ये प्रारंभिक अनुमान हैं, और अगर लॉकडाउन पहली तिमाही से आगे बढ़ाया जाता है, तो कुल नुकसान और भी बढ़ सकता है।
सड़कों और राजमार्ग क्षेत्र के संबंध में रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इससे राजमार्ग डेवलपर्स/टोल ऑपरेटरों को मार्च-जून के दौरान 3,450 से 3,700 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा उठाना पड़ेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को इस अवधि में 2,100 से 2,200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।