मुंबई डेस्क/ लंबे समय तक चली तमाम अटकलों के बाद आखिरकार सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए अपने गठबंधन का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में कुल 48 लोकसभा सीटों में भाजपा 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और विधानसभा चुनावों में गठबंधन के अन्य साझेदारों की सीटें आवंटित करने के बाद दोनों दल 50:50 के अनुपात में चुनाव लड़ेंगे।
फडणवीस ने कहा, “हम समान विचारधारा और राष्ट्रीयता की भावना के कारण पिछले 25 सालों से साथ हैं। 2014 के चुनावों में हम कुछ कारणों से अलग हो गए थे लेकिन बाद में लगभग पांच साल से हम महाराष्ट्र और केंद्र मे साझेदार हैं।” भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी और दोनों तरफ के वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार शाम संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की।
फडणवीस ने कहा, “हम अपने पांच साल के प्रदर्शन के दम पर केंद्र और राज्य, दोनों जगहों पर वापसी में आने के लिए आश्वस्त हैं।” उन्होंने कहा कि भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने, किसानों विशेषकर जो अभी भी कृषि ऋण के लाभ से वंचित हैं, ग्रामीण लाभकर्ताओं के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने में आने वाली समस्याओं को हल करने सहित शिवसेना की सभी प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष में कांग्रेस नेता राधाकृष्णा विखे-पाटील ने आरोप लगाया कि शिवसेना को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मामलों में फंसाने की धमकी देकर गठबंधन के लिए बाध्य किया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रदेश प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘चौकीदार चोर है’ कहने वाली शिवसेना अब भाजपा से गठबंधन कर रही है।