लखनऊ डेस्क/ लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ कटुता को खत्म करेंगे। लेकिन सपा ने गुरुवार को शिवपाल की विधानसभा सदस्यता खत्म करने की अर्जी डालकर सभी बातों पर विराम लगा दिया है।
सपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई और एक समय में सपा के कद्दावर नेता रहे शिवपाल यादव की विधानसभा सदस्यता के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत की है। यह याचिका दलबदल विरोधी कानून के आधार पर पेश की गई है।
विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने इस संबंध में विधानसभा के सभी सदस्यों की जानकारी के लिए गुरुवार को एक सूचना भी जारी की। दुबे के अनुसार, सपा दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने विधानसभा सदस्य शिवपाल यादव की सदस्यता के विरुद्ध याचिका प्रस्तुत की है।
ज्ञात हो कि शिवपाल यादव सपा के टिकट पर विधानसभा सदस्य चुने गए थे। बाद में सपा से अलग होकर उन्होंने अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बना ली। लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर उन्होंने अपने दल का उम्मीदवार भी उतारा था। फिरोजाबाद लोकसभा सीट से वह खुद चुनाव लड़े थे। हालांकि लोकसभा के चुनाव में उनकी पार्टी कोई सीट जीत नहीं सकी। शिवपाल यादव अभी भी सपा से ही विधायक हैं।