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सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भाजपा सरकार की निरंकुशता : मायावती

सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भाजपा सरकार की निरंकुशता : मायावती

लखनऊ डेस्क/ महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में मंगलवार को देश के अलग-अलग शहरों से हुई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व कथित नक्सल समर्थकों की गिरफ्तारी को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार पर निरकुंश होने और सत्ता का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है। बसपा सुप्रीमो ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि यह गिरफ्तारियां सरकार द्वारा अपनी विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बांटने का जरिया है।

मायावती ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दलितों के स्वाभिमान से जुड़े महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव (पुणे) में बीती जनवरी में आयोजित द्विशताब्दी कार्यक्रम की सफलता भाजपा सरकार को पसन्द नहीं आई। इसलिए वहां हिंसा फैलाई गई और अब उसकी आड़ में देश के दलितों, आदिवासियों के हक के लिए संघर्ष करने वाले बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने यह गिरफ्तारियां देश में सरकारी आतंक व भय फैलाने के लिए की गई है, जो भाजपा सरकार की निरकुंशता व सत्ता के दुरूपयोग की पराकाष्ठा है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है।

मायावती ने कहा कि नक्सल समर्थकों के नाम पर बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी के जरिए बीजेपी की सरकारें अपनी घोर विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बांटना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भीमा-कोरेगांव में हिंसा मामले में जिन पर एफ.आई.आर. है उन्हें गिरफ्तार करने के बजाए दलितों, आदिवासियों के लिए लड़ने वाले लोगों को टारगेट किया जा रहा है। भाजपा सरकारों को ऐसी लोकतंत्र-विरोधी हरकतों से बचना चाहिये।

मायावती ने भाजपा सरकार के उस तर्क पर भी कटाक्ष किया, जिसमें कहा गया है कि “पी.एम. मोदी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में छह राज्यों में छापे व 5 प्रमुख लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं।” मायावती ने कहा कि यह हथकंड़ा गुजरात में बीजेपी सरकार के उस दौर की याद दिलाता है जब मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश को विफल करने की आड़ में लगातार फर्जी पुलिस एनकाउंटर हुआ करते थे।

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